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'चीन से अच्छा भारत का शेयर बाजार', CLSA की इस रिपोर्ट से विदेशी निवेशकों की वापसी की बढ़ गई उम्मीद

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने चीन के मुकाबले भारत के शेयर बाजार को अच्छा बताया है। CLSA ने गुरुवार 13 फरवरी को जारी एक रिपोर्ट में ऐलान किया कि उसने चीन के शेयर बाजार में रणनीतिक आवंटन की अपने पहले के सलाह को वापस लिया है और भारत पर 20% ओवरवेट रुख अपना लिया है। CLSA का मानना है कि ट्रंप के नए कार्यकाल में ग्लोबल ट्रेड वार तेज हो सकता है

Curated By: Vikrant singhअपडेटेड Feb 13, 2025 पर 1:57 PM
'चीन से अच्छा भारत का शेयर बाजार', CLSA की इस रिपोर्ट से विदेशी निवेशकों की वापसी की बढ़ गई उम्मीद
CLSA ने कहा कि 2025 की शुरुआत से ही कई विदेशी निवेशक नए निवेश अवसरों की तलाश में हैं

जानी-मानी ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट से शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। CLSA ने चीन के मुकाबले भारत के शेयर बाजार को अच्छा बताया है। ब्रोकरेज फर्म ने गुरुवार 13 फरवरी को जारी एक रिपोर्ट में ऐलान किया कि उसने चीन के शेयर बाजार में रणनीतिक आवंटन की अपने पहले के सलाह को वापस ले लिया है और भारत पर 20% ओवरवेट के रुख अपना लिया है। CLSA का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में ग्लोबल ट्रेड वार तेज हो सकता है, जो चीन की इकोनॉमी पर नेगेटिव असर डाल सकता है।

चीन के लिए तिहरी चुनौतियां

CLSA ने "झपट्टा मारता बाघ, झूठ बोलता ड्रैगन (Pouncing Tiger, Prevaricating Dragon)" नाम से जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था के लिए तीन बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं।

1. ट्रंप की व्यापार नीतियां: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का नया कार्यकाल, चीन के खिलाफ ट्रेड वार को फिर से तेज कर सकता है। यह इसके लिए नुकसान वाली बात होगी क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था इस समय एक्सपोर्ट पर सबसे अधिक निर्भर है।

2. सरकार के सीमित प्रोत्साहन उपाय: चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए हाल में कई प्रोत्साहन योजनाओं का ऐलान किया। लेकिन इन योजनाओं का फोकस सिर्फ जोखिम कम करने पर है और इसमें आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार को दोबारा तेज करने की पर्याप्त क्षमता नहीं दिखाई दे रही है।

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