आईटी सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी कोफोर्ज (Coforge) पर ब्रोकरेज का भरोसा बढ़ा तो शेयरों की खरीदारी भी बढ़ गई। इसके चलते शेयर 2 फीसदी से अधिक उछल गए। कोफोर्ज के लिए ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने टारगट प्राइस बढ़ाया है। हालांकि रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है और अभी भी जेफरीज ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी हुई है। ब्रोकरेज ने कंपनी की लागत घटाने की स्ट्रैटजी के चलते टारगेट प्राइस बढ़ाया है। इसके चलते बीएसई पर शेयर 2.20 फीसदी उछलकर 5907.00 रुपये पर पहुंच गए। मुनाफावसूली के चलते भाव थोड़े नरम पड़े हैं और दिन के आखिरी में यह 1.12 फीसदी की मजबूती के साथ 5845 रुपये पर बंद हुआ है।
Coforge के लिए अब क्या है टारगेट प्राइस
कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक दिसंबर तिमाही में मैक्रो स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। हालांकि नए प्रोजेक्ट मिल रहे हैं जिससे मार्च तिमाही के बेहतर होने की उम्मीद है। अधिकतर डील बैंकिंग और इंश्योरेंस वर्टिकल्स में हैं। मैनेजमेंट ने जोर देकर कहा कि अभी अगले कैलेंडर वर्ष 2024 के बजट की डिटेल्स स्पष्ट नहीं है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि डिमांड का माहौल नहीं सुधरता है तो भी वित्त वर्ष 2025 की ग्रोथ वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के अनुरुप ही होगी।
जेफरीज के मुताबिक कोफोर्ज की एग्जेक्यूटबल ऑर्डर बुक आगे अच्छी ग्रोथ के संकेत दे रहा है। इसके अलावा कंपनी 4 नए वर्टिकल्स- पब्लिक सेक्टर, हेल्थकेयर और रिटेल में तेजी से आगे बढ़ने की योजना बना रही है। कंपनी अगले तीन से चार साल में मार्जिन 1.50-3 फीसदी सुधारने के लिए लागत में कटौती कर रही है। इसके अलावा प्रमोटर के बाहर निकलने के बावजूद मैनेजमेंट का फोकस सेक्टर-लीडिंग ग्रोथ पर है। कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत के अलावा इन सबके चलते ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस 6250 रुपये से बढ़ाकर 6580 रुपये कर दिया है।
कोफोर्ज के वित्तीय सेहत की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2023 में इसका नेट प्रॉफिट तिमाही आधार पर 9.5 फीसदी बढ़कर 181 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जून तिमाही में इसे 165,3 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। इस दौरान रेवेन्यू भी कॉन्स्टैंट करेंसी टर्म में ढाई फीसदी उछलकर 2,276.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी के लिए सितंबर तिमाही लगातार सातवीं ऐसी तिमाही रही जिसमें इसे 30 करोड़ डॉलर से अधिक ऑर्डर मिले। इस बार की सितंबर तिमाही में इसे 31.3 करोड़ डॉलर के ऑर्डर मिले थे जिसमें तीन सौदे बड़े-बड़े थे।
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