Daily Voice : एचडीएफसी सिक्योरिटीज के इंस्टीट्यूशनल रिसर्च हेड वरुण लोहचब का कहना है कि उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि इस अवधि में देश की जीडीपी में 6.5 फीसदी की दर से बढ़त देखने को मिलेगी। फिडेलिटी, फ्रैंकलिन टेम्पलटन और जेफरीज जैसी लीडिंग कंपनियों में काम करने और भारतीय इक्विटी बाजार का 18 साल का अनुभव रखने वाले लोहचब का कहना है कि बढ़ते जियोपोलिटिकल तनाव, वोलेटाइल फाइनेंशियल मार्केट और असमान मानसून, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे में आरबीआई का 6.5 फीसदी का जीडीपी अनुमान थोड़ा ज्यादा लग रहा है।
मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में, लोहचाब ने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर लगातार फोकस बनाए हुए है। इसके साथ ही देश में घरों की मांग में भी तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन मटेरियल शेयरों में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं।
इस बात चीत में उन्होंने आगे कहा कि वे वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने जीडीपी पूर्वानुमान को लेकर आरबीआई की तुलना में कुछ ज्यादा कंजर्वेटिव हैं। उनको लगता है कि इस साल विकास दर 6.3 फीसदी रहेगी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपना ये अनुमान अर्थव्यवस्था के लिए संभावित जोखिमों जैसे कि जियोपोलिटिकल तनाव, ग्लोबल मार्केट की वोलैटिलिटी, ग्लोबल ट्रेड में मंदी और खराब मानसून को ध्यान में रख कर लगाया है।
क्या आपको लगता है कि इस वित्त वर्ष में महंगाई 5 फीसदी से नीचे रह सकती है? इस पर वरुण लोहचब ने कहा कि एचडीएफसी सिक्योरिटीज का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में देश में महंगाई 5.4 फीसदी रह सकती है। जियोपोलिटिकल तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतें हाई लेवल पर बनी हुई हैं। इसके अलावा मांग में मजबूती और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में मजबूती के कारण कोर महंगाई में बढ़ने का उम्मीद दिख रही है।
क्या आप ग्लोबल मार्केट से जुड़े सेक्टरों को लेकर सतर्क हैं? इसके जवाब में वरुण ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती आई है। ग्लोबल मार्केट में कमजोरी के चलते आईटी और केमिकल जैसे ग्लोबल मार्केट से जुड़े शेयरों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। आईटी सेक्टर पहले से ही ग्लोबल मार्केट की मंदी की मार झेल रहा है। इसके अलावा, ग्लोबल एग्रोकेमिकल कंपनियों की तरफ से इन्वेंट्री घटाने और अमेरिका और यूरोप से कमजोर मांग के कारण तैयार प्रोडक्ट्स की कीमतों में करेक्शन हुआ है। इससे घरेलू केमिकल कंपनियों के कारोबार में कमजोरी की उम्मीद दिख रही है।
उम्मीद है कि इन एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियों को इस साल कमजोर मांग का सामना करना पड़ेगा। ग्लोबल इकोनॉमी सामान्य से ऊंची ब्याज दरों से जूझ रही है। ऐसे में एचडीएफसी सिक्योरिटीज केमिकल और आईटी शेयरों पर अंडरवोट है। हालांकि फार्मास्यूटिकल्स पर पॉजिटिव नजरिया है।
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