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Daily Voice : 2024 में कैपिटल गुड्स, इंफ्रा और सीमेंट शेयरों में दिखेगी तेजी, IPO मार्केट भी रहेगा गुलजार

Daily Voice: वर्तमान में पॉजिटिव फैक्टर्स स्पष्ट रूप से निगेटिव फैक्टर्स पर भारी पड़ रहे हैं। महंगाई में नरमी और फेड और दूसरे बड़े केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दर में कटौती के संकेत को देखते हुए ग्लोबल लेवल पर इक्विटी बाजार में तेजी बने रहने के संकेत दिख रहे हैं। हालांकि, छोटे उतार-चढ़ाव और करेक्शन हमेशा संरचनात्मक तेजी वाले बाजारों का हिस्सा रहे हैं और कोई भी इनसे बच नहीं सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 29, 2023 पर 12:26 PM
Daily Voice : 2024 में कैपिटल गुड्स, इंफ्रा और सीमेंट शेयरों में दिखेगी तेजी, IPO मार्केट भी रहेगा गुलजार
Daily Voice : देवांग मेहता ने कहा कि वे कैपेक्स, क्रेडिट ग्रोथ और डिस्क्रीशनरी खपत जैसे कुछ थीम्स को लेकर बुलिश रहे हैं

Daily Voice : स्पार्क कैपिटल प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट (park Capital Private Wealth Management) में इक्विटी एडवाइजरी डायरेक्टर देवांग मेहता ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में कहा है कि वे लक्जरी गुड्स और गैर-जरूरी खर्च (शौकिया खर्च) वाले शेयरों को लेकर बुलिश हैं। उनका मानना है कि पूंजीगत व्यय (इंफ्रा स्ट्रक्चर और क्षमता विस्तार में होने वाले खर्च) में सिक्लिकल ग्रोथ, रियल एस्टेट सेक्टर में हो रही ग्रोथ और खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक्स में हाई-एंड मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां लगाने में आ रही तेजी गैर-जरूरी खर्च (शौकिया खर्च) वाले शेयरों के लिए शुभ संकेत है।

इक्विटी और कैपिटल मार्केट का 23 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले देवांग मेहता कैपेक्स, क्रेडिट ग्रोथ और डिस्क्रीशनरी कंजम्प्शन (गैर-जरूरी खपत) जैसे खास थीम्स को लेकर बुलिश हैं। यहां हम आपके लिए इस साक्षात्कार का संपादित अंश दे रहे हैं।

क्या आपको लगता है कि आईपीओ बाजार 2023 की तुलना में 2024 में कहीं बेहतर होगा? क्या स्थिर सरकार भी इस एक कारण है? इसके जवाब में देवांग मेहता ने कहा कि बाजार का नजरिया FOMO (छूट जाने का डर) से JOGI (अंदर आने की खुशी) में बदल रहा है। देश के स्थिर राजनीतिक माहौल और मजबूत व्यापक आर्थिक स्थितियों ने इसे प्राथमिक और द्वितीयक बाजार निवेशकों दोनों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है, खासकर वैश्विक परिदृश्य में अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच।

बाजार का रंग-रूप FOMO (छूट जाने का डर) से JOGI (Joy of Getting In) में बदल रहा है। देश के स्थिर राजनीतिक माहौल और मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों ने इसे प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजारों को निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। कुल मिलाकर, कई कंपनियों की शानदार शुरुआत और निवेशकों को मिले जोरदार लिस्टिंग गेन ने आईपीओ बाजार में जोश भर दिया है। इसके अलावा, सेकेंडरी मार्केट की तेजी ने भी प्राइमरी मार्केट को गुलजार कर दिया है। खास बात यह है कि 8 सालों के बाद हमें सबसे ज्यादा नई पूंजी जुटती दिखी है। आईपीओ जुटाई गई धनराशि का लगभग 42 फीसदी हिस्सा फ्रेश इश्यू से आया है। बाकी 58 फीसदी हिस्सा ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) से आया है। वहीं, पिछले चार सालों में ओएफएस से जुटाई गई धनराशि की हिस्सेदारी 85 से 90 फीसदी थी।

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