Daily Voice : शहरी क्षेत्रों के खपत वाले सेक्टर से जुड़े एजूकेशन और हेल्थकेयर शेयर इस समय महंगे दिख रहे हैं। इसके अलावा गैर-जरूरी खर्च से जुड़े अपेरल (परिधान) और मोबिलिटी जैसे सेक्टरों का वैल्यूएशन भी महंगा दिख रहा है। ये बातें मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत लोटसड्यू के फाउंडर और सीईओ अभिषेक बनर्जी ने कही हैं। एसेट एलोकशन, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव इन्वेस्टमेंट में एक दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अभिषेक बनर्जी को फेरस मेटल शेयरों में आगे कमाई के मौके नजर आ रहे हैं।
कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों के बढ़ने से फेरस मेटल को होगा फायदा
उनका मानना है कि देश में कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों के बढ़ने को साथ ही फेरस मेटल शेयरों में तेजी आएगी। भारत में, कोयला, मेटल और खनिजों का खनन अभी भी एक सरकारी कंपनियों के लीडरशिप वाला उद्योग है। कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग से बढ़ती मांग के कारण आगे इस सेक्टर में जोरदार ग्रोथ की उम्मीद दिख रही है। हालांकि, किसी जोखिम में बचने के लिए पोर्टफोलियो में एक निश्चित मात्रा में कीमती धातुओं को भी शामिल करना चाहिए।
रुपए में मजबूती से लार्ज कैप कंपनियों की कमाई पर पड़ेगा निगेटिव असर
क्या छोटे-मझोले शेयरों के लेकर सतर्क रहने और लार्जकैप की तरफ रुख करने का समय आ गया है? इस सवाल पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनका मानना है कि माइक्रो मोनोपोली वाली छोटी कंपनियों में बड़ी कंपनियों की तुलना में लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है। अधिकांश लार्जकैप कंपनियों में कमाई में एक्सपोर्ट से होने वाली कमाई का बड़ा योगदान है। भारतीय सरकारी बांडों के जेपी मॉर्गन में शामिल होने से भारतीय सरकारी बांड में अतिरिक्त 150 बिलियन डॉलर का निवेश आने की संभावना है। इससे भारतीय रुपए में मजबूती आ सकती है। अगर रुपया उम्मीद से ज्यादा मजबूत होता है तो लार्जकैप के एक्सपोर्ट से होने वाली कमाई पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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