ऑलटाइम हाई हिट करने के बाद बाजार कंसोलीडेशन के दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि निवेशकों को इस समय स्टॉक चुनने में चतुराई दिखाने की जरूरत है। हमें इस समय संभावित लूजरों से निकलकर संभावित गेनरों की तरफ स्विच करना चाहिए। कोटक के एनालिस्ट्स की राय है कि इस समय भारतीय इक्विटी मार्केट में एक ही समय में मंदी, तेजी और बबल बनने की स्थितियां एक साथ देखने को मिल रही हैं। तमाम लार्जकैप कंपनियां मंदी को दौर में हैं तो छोटे-मझोले शेयरों का एक सेक्शन तेजी में हैं। वहीं, छोटे-मझोले शेयरों के दूसरे सेक्शन में बबल (अस्वाभाविक तेजी) जैसी स्थित दिख रही है।
लार्जकैप शेयरों में ज्यादा अच्छी वैल्यू
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के संजीव प्रसाद ने 9 अक्टूबर को जारी एक नोट में कहा इस समय तेजी में चल रहे कुछ मिडकैप, लार्जकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तेजी समय के साथ फीकी पड़ती दिखेगा और उनका वैल्यूएशन उनके फंडामेंटल्स के मुताबिक हो जाएगा। इस समय लार्जकैप शेयरों में ज्यादा अच्छी वैल्यू दिख रही है। टॉप के 15-20 लार्जकैप शेयरों में अगले 6-12 महीनों में आउटपरफार्म करने की क्षमता दिख रही है।
संजीव प्रसाद और उनकी टीम की तरफ से लिए गए विश्लेषण के आंकड़ों के मुताबिक निफ्टी 50 इंडेक्स में 34 फीसदी वेटेज रखने वाले टॉप छह शेयरों में से पांच ने पिछले दो सालों में निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी में 55 फीसदी वेटेज रखने वाले 22 शेयरों ने निगेटिव रिटर्न दिया है। इसी अवधि में निफ्टी ने 10 फीसदी से कम रिटर्न दिया है।
संजीव प्रसाद का सुझाव है कि इस तरह कि स्थिति में वैल्यू निवेशकों को ऐसे क्वालिटी शेयरों की तलाश करना चाहिए जो सस्ते में मिल रहे हों और ऐसे शेयरों से बाहर निकल जाना चाहिए जिनमें अब तक काफी तेजी आ चुकी है और अभी भी जो हरे निशान में हैं।
मिड और स्मॉलकैप बहुत ज्यादा वैल्यू नहीं आ रही नजर
संजीव प्रसाद ने आगे कहा कि उनके मिड और स्मॉलकैप के कवरेज में 150 शेयर शामिल हैं। अब इनमें बहुत ज्यादा वैल्यू नहीं नजर आ रही है। इनमें से अधिकांश शेयर अपने 12 महीने के फेयर वैल्यू के करीब या उससे बहुत ऊपर दिख रहे हैं। ऐसे में अच्छी क्वालिटी के शेयरों में टाइम करेक्शन देखने को मिल सकता है। जबकि खराब क्वालिटी के तमाम मिड और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ा प्राइस और लंबा टाइम करेक्शन देखने को मिल सकता है।
संजीव प्रसाद ने अपने रिकमेंडेड पोर्टफोलियो में कुछ बदलाव किए हैं। उन्होंने पोर्टफोलियो में कोलगेट पामोलिव और कमिंस इंडिया को 150 बेसिस प्वाइंट वेटेज के साथ शामिल किया है। एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाइटन में अपनी पोजीशन घटाई है। जबकि संवर्धन मदरसन को पूरी तरह से पोर्टफोलियो से बाहर कर दिया है।
संवर्धन मदरसन पर संजीव प्रसाद की राय है कि इस ने स्टॉक ने पिछले छह महीनों में 37 फीसदी का रिटर्न दिया है। अब इसमें बहुत तेजी की उम्मीद नहीं है। हालांकि कंपनी के फंडामेंटल्स काफी अच्छे हैं। लॉन्ग टर्म में इसमें अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। लेकिन शॉर्ट टर्म में स्थितियां अनुकूल नहीं हैं।
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