Daily Voice: वित्त वर्ष 2024 की जून तिमाही में अधिकांश सेक्टर्स के अर्निंग्स में तेजी देखने को मिलेगी। इस अवधि में कर्ज की मांग में बढ़त कायम रह सकती है। लेकिन फंड की लागत में बढ़त के चलते बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs)पर दबाव देखने को मिल सकता है। इस अवधि में आईटी कंपनियों के नतीजों में कमजोरी जारी रहेगी। आईटी कंपनियों के लिए स्थितियां अभी भी चुनौती पूर्ण बनी हुई हैं। ये बातें क्वांटम एसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी चिराग मेहता ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक साक्षात्कार में कही हैं।
वैकल्पिक निवेश रणनीतियों में दो दशकों के अनुभव वाले चिराग ने इस बातचीत में आगे कहा कि क्वांटम एएमसी आईटी पर ओवरवेट स्थिति में है। कमजोर ग्लोबल माहौल को देखते हुए निकट की अवधि में ग्रोथ में नरमी आ सकती है। लेकिन जैसे-जैसे इकोनॉमी पटरी पर लौटेगी हमें ग्रोथ में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी।
प्रश्न: क्या आपको आगे चलकर ब्रॉडर मार्केट में और तेजी आने की उम्मीद है?
इस सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि घरेलू आर्थिक स्थिति और कंपनियों की कमाई में मजबूती देखने को मिल रही है। इंफ्रा और कैपेक्स में अच्छी बढ़त के साथ आगे देश की जीडीपी में मजबूती की संभावना दिख रही है। इसके अलावा पीएमआई, जीएसटी कलेक्शन, ई-वे बिल और क्रेडिट ग्रोथ जैसे हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर भी पॉजिटिव संकेत दे रहे हैं। इसके अलावा महंगाई में भी कमी आने के संकेत मिल रहे हैं।
ऐसे में जैसे-जैसे देश की इकोनॉमी रफ्तार पकड़ेगी कंपनियों के तरफ से कारोबार में विस्तार पर होने वाला व्यय और बढ़ता दिखेगा। ऐसे में बाजार की मौजूदा तेजी और बढ़ती दिखेगी। हालांकि बाजार का वैल्यूएशन लॉन्ग टर्म एवरेज के आसपास मडरा रहा है। लेकिन मजबूत अर्निंग ग्रोथ आने वाले सालों में अच्छा रिटर्न दिला सकती है।
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि जो निवेशक बाजार की मौजूदा तेजी में मौका चूक गए, उन्हें आने वाले महीनों में निवेश का बड़ा मौका मिलेगा?
इस पर चिराग ने कहा कि हालिया रैली के बावजूद शॉर्ट में बाजार में किसी बड़े करेक्शन या गिरावट की संभावना नही है। अगर आर्थिक विकास की गति में तेजी बनी रही तो निवेशकों को बाजार में और महंगे स्तरों पर प्रवेश करना पड़ सकता है। ऐसे में निवेशकों को सलाह होगी कि वे बाजार के मौजूदा चक्र से लाभ पाने के लिए रुक-रुक कर किस्तों में निवेश शुरू करें।
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