Daily Voice : पिछले साल दलाल स्ट्रीट पर लगभग 60 आईपीओ आने के बाद मजबूत आर्थिक नीतियों और भारतीय स्टार्टअप की बढ़ती परिपक्वता से उत्साहित होकर भारत में 2024 में भी आईपीओ मार्केट में तेजी जारी रहने की संभावना है। ये बातें मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में राइट रिसर्च, पीएमएस की फंड मैनेजर और फाउंडर सोनम श्रीवास्तव ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कही हैं। उन्हें लगता है कि आगे आईपीओ बाजार में मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल और टेक्नोलॉजी (विशेष रूप से प्लेटफॉर्म और कंज्यूमर तकनीक की नए जमाने की कंपनियां) कंपनियों का बोलबाला रहेगा।
सोनम श्रीवास्तव की सलाह है कि निवेशकों को इन सेक्टरों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए। मजबूत फंडामेंटल्स और नए मॉडल वाली ऐसी कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने की सलाह होगी जो भारत के आर्थिक विकास के साथ जुड़ी हुई हैं।
इक्विटी और कैप्टल मार्केट का 10 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाली सोनम का कहना है कि इक्विटी में ज्यादा निवेश करने और सभी सेक्टरों में लार्ज और स्मॉलकैप में संतुलन बना कर निवेश करने से 2024 में अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है। सोनम का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, खपत और टेक्नोलॉजी शेयरों में 2024 में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। इस सेक्टरों के अच्छे शेयर आपके पोर्टफोलियो में ग्रोथ और स्थिरता के बीच संतुलन बना सकते हैं।
लार्ज और मिडकैप शेयरों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए करें निवेश
नए साल के निवेश रणनीति पर बात करते हुए सोनम ने कहा कि 2024 में लार्ज और मिडकैप शेयरों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए इक्विटी में ज्यादा निवेश करने की सलाह होगी। इंफ्रा, बैंकिंग, खपत और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर निवेश के लिए अच्छे दिख रहे हैं। सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों जैसे इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर बढ़ते सरकारी खर्च से कंस्ट्रक्शन और उससे जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ऐसे में हमारे लिए स्थिरता के लिए जानी जाने वाली लॉर्ज कैप कंपनियों और हाई ग्रोथ की संभावना वाली छोटी कंपनियों दोनों में निवेश के मौके मिलेंगे।
चुनिंदा केमिकल शेयरों पर ही लगाएं दांव
केमिकल सेक्टर पर बात करते हुए सोनम ने कहा कि इस समय केमिकल सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए भविष्य की विकास संभावनाओं के साथ वर्तमान की चुनौतियों को संतुलित करने की जरूरत है। ग्लोबल सप्लाई तेन की दिक्कतों और चीन की प्रतिस्पर्धा से प्रभावित इस सेक्टर को इस समय काफी खराब परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और एफएमसीजी सेक्टर में भारत की मजबूत घरेलू मांग और चीन प्लस वन रणनीति से इस सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है। इस सेक्टर में निवेश के मौके तो हैं। लेकिन ऐसी कंपनियों पर ही दांव लगाएं जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हैं, जिनका गवर्नेंस अच्छा है ओर जो नए उत्पादो पर फोकस कर रही हैं।
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