Market This Week: इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मूड; RBI पॉलिसी मीट, PMI डेटा, क्रूड समेत ये अहम फैक्टर करेंगे तय
Share Market This Week: बीते सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 0.87 प्रतिशत बढ़कर 79,803 पर पहुंच गया और निफ्टी50, 0.94 प्रतिशत बढ़कर 24,131 पर पहुंच गया। व्यापक बाजारों ने बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया, निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 2.5 प्रतिशत चढ़ा और स्मॉलकैप 100 सूचकांक 5 प्रतिशत चढ़ा
सोमवार, 2 दिसंबर को बाजार सबसे पहले मासिक ऑटो बिक्री डेटा और जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के जीडीपी डेटा पर प्रतिक्रिया करेगा।
29 नवंबर को समाप्त सप्ताह में बाजार में करीब 1 प्रतिशत की तेजी आई। यह लगातार दूसरा सप्ताह रहा, जब शेयर बाजार हरे निशान में रहे। यह हाल ही में हुए करेक्शन और कंसोलिडेशन के बाद पॉजिटिव सेंटिमेंट का संकेत है। भू-राजनीतिक तनाव में कमी, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में तेजी और कॉरपोरेट आय में सुधार की उम्मीद ने बाजार के मूड को बूस्ट किया। महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा के BJP वाले गठबंधन की मजबूत जीत, तेल की कीमतों में गिरावट और MSCI रीबैलेंसिंग ने भी सेंटिमेंट को सपोर्ट दिया।
सोमवार, 2 दिसंबर को बाजार सबसे पहले मासिक ऑटो बिक्री डेटा और जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के जीडीपी डेटा पर प्रतिक्रिया करेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुल मिलाकर बाजार के पॉजिटिव सोच के साथ सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है। नए सप्ताह में बाजार की चाल तय करने में कौन से फैक्टर अहम भूमिका निभाएंगे, आइए जानते हैं...
RBI पॉलिसी मीट
अगले सप्ताह सभी की निगाहें 4-6 दिसंबर को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर होंगी। यह चालू कैलेंडर वर्ष 2024 की आखिरी MPC मीटिंग है। सितंबर तिमाही में ग्रोथ में मंदी के बावजूद, अधिकांश विशेषज्ञों को रेपो रेट में किसी भी बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह है कि महंगाई RBI के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से बहुत अधिक बढ़कर अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्याज दर में कटौती फरवरी या अप्रैल की मीटिंग से शुरू हो सकती है।
वैश्विक आर्थिक डेटा
वैश्विक मोर्चे पर संयुक्त राज्य अमेरिका से मंथली फैक्ट्री ऑर्डर और व्हीकल सेल्स डेटा के अलावा निवेशक, बेरोजगारी दर, JOLTs के जॉब ओपनिंग और क्विट डेटा, नॉन-फार्म पेरोल पर भी फोकस करेंगे। ये फेडरल रिजर्व को आगे ब्याज दर पर फैसले लेने में मदद करेंगे। इसके अलावा, अगले सप्ताह के दौरान फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल सहित फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों के भाषणों पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी। इससे 19 दिसंबर को होने वाली आगामी पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दर पर फैसले को लेकर संकेत खोजे जाएंगे। इसके अलावा अमेरिका, यूरोप, चीन और जापान सहित कई देशों की ओर से जारी होने वाले नवंबर के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI के फाइनल आंकड़ों पर भी नजर रखी जाएगी।
तेल की कीमतें
तेल की कीमतों पर भी फोकस रहेगा क्योंकि पिछले सप्ताह मध्य पूर्व में तनाव कम होने की उम्मीद में कीमतों में तेज गिरावट आई। यह भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए पॉजिटिव साबित हुई। अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा सप्ताह के दौरान 3.82 प्रतिशत गिरकर 72.3 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यह सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। 2025 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सप्लाई की उम्मीद ने भी तेल की कीमतों पर दबाव डाला। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा और मंदी का रुख रहेगा।
घरेलू मोर्चे पर, मार्केट पार्टिसिपेंट्स का ध्यान 2 दिसंबर को नवंबर के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग PMI के फाइनल आंकड़ों और 4 दिसंबर को HSBC सर्विसेज PMI आंकड़ों पर रहेगा। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर के फाइनल आंकड़े 57.5 से घटकर नवंबर में 57.3 पर आ गया। सर्विसेज PMI अक्टूबर के फाइनल आंकड़े 58.5 से बढ़कर नवंबर में 59.2 पर पहुंच गया। 29 नवंबर को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 6 दिसंबर को जारी किए जाएंगे।
FII फ्लो
FII गतिविधि पर भी मार्केट पार्टिसिपेंट्स की गहरी नजर रहेगी। बीते सप्ताह के शुरुआती दिनों में नए सिरे से खरीदारी की दिलचस्पी दिखी थी। लेकिन पिछले कुछ सत्रों में भारी बिकवाली के कारण विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) सप्ताह के लिए शुद्ध विक्रेता बने रहे और उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे। हालांकि यह सेलिंग पिछले कई हफ्तों में देखी गई बिकवाली की तुलना में कम थी। विशेषज्ञों का मानना है कि FII तभी शुद्ध खरीदार बनेंगे, जब बाजार में और करेक्शन होगा, और वैल्यूएशंस अधिक आकर्षक हो जाएंगी। दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने FII के आउटफ्लो की पूरी तरह भरपाई की और पिछले सप्ताह 6,925 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इससे नवंबर में उनकी ओर से शुद्ध खरीद 44,484 करोड़ रुपये हो गई। अक्टूबर में यह 1.07 लाख करोड़ रुपये थी। यूएस डॉलर इंडेक्स सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर 107.55 से गिरकर 105.78 पर आ गया, जबकि इसी अवधि के दौरान यूएस बॉन्ड यील्ड 4.43 प्रतिशत से घटकर 4.18 प्रतिशत हो गई।
IPO
नए सप्ताह में 3 नए IPO आएंगे। Property Share Investment Trust IPO 2 दिसंबर को ओपन होने वाला है। Nisus Finance Services IPO 4 दिसंबर को और Emerald Tyre Manufacturers IPO 5 दिसंबर को खुलेगा। लिस्टिंग की बात करें तो 2 दिसंबर को Rajesh Power Services के शेयर BSE SME पर लिस्ट होंगे। 3 दिसंबर को NSE SME पर C2C Advanced Systems और Rajputana Biodiesel की लिस्टिंग होगी। 4 दिसंबर को NSE SME पर Abha Power and Steel और Apex Ecotech के शेयर लिस्ट होंगे। 5 दिसंबर को NSE SME पर Agarwal Toughened Glass India की लिस्टिंग होगी। 6 दिसंबर को BSE, NSE पर Suraksha Diagnostic और NSE SME पर Ganesh Infraworld के शेयर लिस्ट होने वाले हैं।
कुछ दिनों की तेजी के बाद उतार-चढ़ाव शांत हो गया, जिससे बुल्स को राहत मिली। शेयर बाजार में उतारचढ़ाव मापने वाला इंडीकेटर इंडिया VIX 10.4 प्रतिशत गिरकर 14.43 के स्तर पर आ गया।
कॉरपोपरेट एक्शंस
नए सप्ताह के प्रमुख कॉरपोरेट एक्शंस इस तरह हैं...
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