Defence Stocks: सीजफायर थाम देगी HAL के शेयरों की रफ्तार? जेपीमॉर्गन इस कारण अभी भी है बुलिश

HAL Share Price: जियोपॉलिटिल टेंशन के चलते हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयरों की चमक इस साल तेजी से बढ़ी। हालांकि अब जब सीजफायर हो रहे हैं तो क्या एचएएल के शेयरों की रफ्तार थमेगी? ब्रोकरेज फर्म जेपीमॉर्गन के एनालिस्ट्स का मानना है कि यह लंबी छलांग के लिए तैयार है। जेपीमॉर्गन का बुलिश रुझान इस पर बना हुआ है। जानिए इसकी वजह और टारगेट प्राइस क्या है?

अपडेटेड Jul 08, 2025 पर 4:09 PM
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Defence Stocks: इस साल जियोपॉलिटिल टेंशन ने डिफेंस शेयरों की चमक बढ़ा दी। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की बात करें तो इस साल यह करीब 20% मजबूत हो चुका है लेकिन अभी यह और ऊपर जाने को रेडी है।

Defence Stocks: इस साल जियोपॉलिटिल टेंशन ने डिफेंस शेयरों की चमक बढ़ा दी। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की बात करें तो इस साल यह करीब 20% मजबूत हो चुका है लेकिन अभी यह और ऊपर जाने को रेडी है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेपीमॉर्गन के एनालिस्ट्स का मानना है यह मौजूदा लेवल से 22% से अधिक ऊपर चढ़ सकता है। आज बीएसई पर यह 0.22% की गिरावट के साथ ₹5001.45 (HAL Share Price) पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 0.86% की फिसलन के साथ ₹4969.25 और 0.75% के उछाल के साथ ₹5050.10 पर पहुंचा था। जेपीमॉर्गन ने इसकी ओवरवेट रेटिंग को बरकररार रखा है।

HAL पर क्यों फिदा है JPMorgan?

जेपीमॉर्गन का कहना है कि मजबूत ऑर्डर बुक और पाइपलाइन के दम पर कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है। अब एडवांस्ड मीडियम कोम्बाट एयरक्राफ्ट (AMCA) टेंडर पर नजर रहेगी। अब चूंकि भारत अपने पुराने हो चुके लड़ाकू विमानों को अपग्रेड कर रहा है तो एचएएल में लॉन्ग टर्म के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। हाल ही में डिफेंस सेक्रेटरी आरके सिंह ने कहा था कि डिफेंस मिनिस्ट्री अगले पांच साल में अपने खर्च की जीडीपी में हिस्सा मौजूदा 1.9% से बढ़ाकर 2.5% करने का प्रयास करेगा। उन्होंने ये बातें सीएनबीसी-टीवी18 से बाचतीत में कही थी। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2026 में मंत्रालय का लक्ष्य ₹2 लाख करोड़ के डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने का है जोकि पिछले वर्ष के रिकॉर्ड लेवल के लगभग बराबर है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कैपिटल डिफेंस का 75% हिस्सेदारी घरेलू रूप से ही खर्च किया जाएगा। इसमें ऐरोस्पेस, शिपबिल्डिंग, लैंड सिस्टम्स, मिसाइल्स और गोला-बारूद शामिल हैं।


कैसी है कारोबारी सेहत?

एचएएल के लिए मार्च तिमाही खास नहीं रही। पिछले वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही जनवरी-मार्च 2025 में कंपनी का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 7.71% गिरकर ₹3,976.66 करोड़ पर आ गया। इस दौरान कंपनी का कंसालिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 7.24% फिसलकर ₹13,699.85 करोड़ पर आ गया। पूरे वित्त वर्ष 2025 की बात करें तो डिफेंस कंपनी का कंसालिडेटेड प्रॉफिट सालाना आधार पर 9.75% बढ़कर ₹8,364.13 करोड़ और ऑपरेशनल रेवेन्यू 2% उछलकर ₹30,980.95 करोड़ पर पहुंच गया।

अब पिछले एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो इसने निवेशकों को तगड़ा शॉक दिया है। पिछले साल 9 जुलाई 2024 को यह ₹5675.00 पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। इस निचले स्तर से 8 महीने में यह 46.33% टूटकर 3 मार्च 2025 को ₹3045.95 पर आ गया जोकि इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।

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