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Defence stocks : नाटो देश रक्षा खर्च में भारी बढ़त पर हुए सहमत, HAL और BEL के शेयरों को लगे पंख, डिफेंस इंडेक्स 1% भागा

Defence exports : घरेलू कंपनियों की तरफ से होने वाला डिफेंस एक्सपोर्ट 2028-29 तक 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलाना में वित्त वर्ष 2023-24 में डिफेंस एक्सपोर्ट में 32.5 फीसदी की बढ़त हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए ये अनुमान लगाया गया है

अपडेटेड Jun 26, 2025 पर 10:33 AM
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है। शुरुआती कारोबार में इस शेयरों में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है

Defence Stocks : घरेलू डिफेंस कंपनियों के शेयरों में गुरुवार, 26 जून को तेजी देखने को मिल रही है। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सहयोगियों ने 2035 तक अपने रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पांच फीसदी तक बढ़ाने की योजना बनाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े दबाव के बाद नाटो देशों ने अपने रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के दो फीसदी से बढ़ा कर पांच फीसदी तक करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही किसी NATO देश पर हमला होने की स्थिति में एक-दूसरे की सहायता करने की "मजबूत प्रतिबद्धता" व्यक्त की है।

नाटो देशों की बैठक के फाइनल स्टेटमेंट में 32 नाटो नेताओं ने कहा है " सहयोगी देश 2035 तक अहम रक्षा जरूरतों के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा संबंधी खर्च पर हर साल सकल घरेलू उत्पाद का 5 फीसदी खर्च करेंगे, ताकि नाटो देशों के व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्वों को पूरा किया जा सके"।

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इस खबर के चलते हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है। शुरुआती कारोबार में इस शेयरों में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है।। इसके अलावा, निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में भी एक फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। आज के कारोबार में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, डीसीएक्स सिस्टम्स और भारत डायनेमिक्स में अच्छी तेजी नजर आ रही है।

वित्त वर्ष 2016 से भारतीय डिफेंस कंपनियों के निर्यात में 13 गुना की बढ़त हुई है। इस दौरान प्राइवेट डिफेंस कंपनियों का निर्यात 67 गुना बढ़ा है तथा घरेलू कंपनियों से होने वाली खरीद का हिस्सा बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। इसमें अभी व्यापक ग्रोथ की संभावना है।

इनक्रेड इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू कंपनियों की तरफ से होने वाला डिफेंस एक्सपोर्ट 2028-29 तक 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलाना में वित्त वर्ष 2023-24 में डिफेंस एक्सपोर्ट में 32.5 फीसदी की बढ़त हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए ये अनुमान लगाया गया है।

डिफेंस एक्सपोर्ट में प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी 2016-17 के 13 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 62 फीसदी हो गई है। कुल डिफेंस एक्सपोर्ट 46 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर 2023-24 में 21,100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस दौरान 85 से अधिक देशों को मिसाइल, रडार और बख्तरबंद वाहन बेचे गए हैं।

इनक्रेड इक्विटीज का कहना कि ग्लोबल डिफेंस एक्सपोर्ट मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बहुत कमा है। 2020-24 में ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.2 फीसदी थी। 2019-23 में ग्लोबल इंपोर्ट में 9.8 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा है।

भारत ने 41 देशों को एक्सपोर्ट किया,जिनमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया भी शामिल है। इस एक्सपोर्ट में रडार सिस्टम,छोटे हथियार या को-प्रोडक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए सपोर्ट जैसे खास उपकरण शामिल थे।

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