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Defence stocks : ऑपरेशन सिंदूर ने रक्षा शेयरों में भरा दम, मझगांव डॉक और HAL बने आज के टॉप गेनर

Operation Sindoor : भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर दिया है आतंकवादी ढांचे के खिलाफ सैन्य अभियान के बाद आज HAL, BEL,भारत डायनेमिक्स और दूसरे डिफेंस स्टॉक फोकस में हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 07, 2025 पर 11:29 AM
Defence stocks : ऑपरेशन सिंदूर ने रक्षा शेयरों में भरा दम, मझगांव डॉक और HAL बने आज के टॉप गेनर
Defence stocks in focus : डिफेंस शेयरों में मंगलवार के सत्र में मुनाफावसूली के एक दिन बाद यह तेजी देखने को मिली है। कल BDL, HAL और मझगांव डॉक में गिरावट आई थी

Defence stocks : भारतीय सेना और वायुसेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत नियंत्रण रेखा के पार नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए जाने के बाद बुधवार को डिफेंस शेयरों में तेजी आई है। इससे डिफेंस सेक्टर को लेकर निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा संचालित टेरर कैंपों को निशाना बनाकर किए गए इस ऑपरेशन ने डिफेंस खर्च में बढ़त और कंपनियों को नए ऑर्डर मिलने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों में 2 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में 1.5 फीसदी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) में 1.22 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में करीब 1 फीसदी की तेजी है। इसने पिछले कारोबारी सत्र में हुए नुकसान की भरपाई कर ली है।

डिफेंस शेयरों में मंगलवार के सत्र में मुनाफावसूली के एक दिन बाद यह तेजी देखने को मिली है। कल BDL, HAL और मझगांव डॉक में गिरावट आई थी। भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ बाजार को अब डिफेंस शेयरों में तेजी की उम्मीद है। उनका मानना है कि सरकार डिफेंस पर होने वाले खर्च को बढ़ा सकती है। इससे डिफेंस प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं। इसी उम्मीद के चलते आज इन शेयरों में तेजी आई है।

जियोस्फीयर कैपिटल मैनेजमेंट के अरविंद सेंगर ने सीएनबीसी-टीवी18 से कहा कि उन्हें लगता है कि रक्षा खर्च में बढ़त देखने को मिलेगा, क्योंकि दुनिया अधिक खतरनाक जगह बनती जा रही है। आमतौर पर युद्ध जैसे जोखिम में बाजार पर दबाव देखने को मिलता है लेकिन इस स्थिति में डिफेंस एक ऐसा सेक्टर है जो अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। निवेशक की नजर अब आगे आने वाले आधिकारिक बयानों और नीतिगत संकेतों पर रहेगी। इसके आगे के रक्षा-संबंधी खर्च की मात्रा और रफ्तार के बारे में संकेत मिल सकता है।

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