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Dollar VS Rupee :अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया, जानिए शॉर्ट टर्म में कैसी रह सकती है इसकी चाल

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज के कारोबारी सत्र में 3 पैसे गिरकर 83.78 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर खुला है। ये इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। जबकि पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 83.75 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था

अपडेटेड Aug 05, 2024 पर 10:45 AM
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चीनी युआन में 1.5 फीसदी की बढ़त हुई और जापानी येन में डॉलर के मुक़ाबले 4 फीसदी से ज़्यादा मजबूत हुआ ये दोनों ही रुपए के लिए पॉजिटिव घटनाएं हैं

Dollar VS Rupee : सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला है। अमेरिकी में मंदी की बढ़ती चिंताओं के कारण विदेशी निकासी में तेजी आ सकती है। इस डर के चलते रुपया 83.75 डॉलर के पिछली क्लोजिंग के मुकाबले आज 83.78 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर खुला। रुपया आज ओपनिंग में शुक्रवार के 83.7525 के ऑलटाइम लो से भी नीचे फिसल गया। येन और यूरो सहित की दूसरी बड़ी करेंसीज के एक बास्केट के मुकाबले डॉलर को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 1.15 फीसदी गिरकर 103.22 पर आ गया है। एशियाई बाजारों में गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी आज सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ खुले हैं।

ग्लोबल इक्विटी मार्केट में गिरावट आई है।अमेरिका और एशियाई बाजारों में तेज बिकवाली देखने को मिली है। कमजोर अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट ने अमेरिकी मंदी की चिंताओं को बढ़ा दिया है और निवेशकों को अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। भारत और दूसरे उभरते बाजारों से विदेशी पूंजी के बाहर निकलने की चिंताओं ने भी रुपये पर दबाव बनाया है। एक सरकारी बैंक से जुड़े ट्रेडर ने रॉयटर्स को बताया है कि तेज बिकवाली के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को USD/INR को 83.90 तक बढ़ने देना पड़ सकता है।

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एक्सचेंजों पर उपलब्ध अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने ₹3,310 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹2,965.94 करोड़ मूल्य के शेयर खरीदे।

सीआर फ़ॉरेक्स एडवाइज़र्स के एमडी अमित पबारी का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के कमज़ोर होने के बावजूद भारतीय रुपया 83.70 के स्तर से काफ़ी नीचे रहा है, जिसके कारण डॉलर इंडेक्स गिरकर 103 के आसपास आ गया। इस बीच, चीनी युआन में 1.5 फीसदी की बढ़त हुई और जापानी येन में डॉलर के मुक़ाबले 4 फीसदी से ज़्यादा मजबूत हुआ ये दोनों ही रुपए के लिए पॉजिटिव घटनाएं। इसके अलावा, तेल की कीमतों में 11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। ये भी रुपए के लिए एक बड़ा पॉजिटिव है, क्योंकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। हालांकि, इन अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद, रुपए में बढ़त नहीं हुई है, संभवतः भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसकी गति को सीमित रखा गया है। उन्हें उम्मीद है कि शॉर्ट टर्म में रुपया 83.75 से 83.90 के दायरे में कारोबार करता दिख सकता है।

ग्लोबल करेंसी मार्केट में, जापानी येन आज के शुरुआती कारोबारी सत्र में जनवरी के मध्य से अब तक के हाई 144.76 को छूने के बाद लगभग 1% बढ़कर 145.11 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। येन में डॉलर के मुकाबले तीन सप्ताह से भी कम समय में 10 फीसदी की बढ़त हुई है, जिसका एक कारण पिछले सप्ताह बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दर में की गई बढ़त और येन फंडेड कैरी ट्रेड्स को समाप्त करना है। अमेरिकी मंदी की आशंकाओं ने सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बड़ी कटौती की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

 

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