Dollar vs Rupee : रुपया 61 पैसे गिरकर 86.61 रुपए प्रति डॉलर पर हुआ बंद , जानिए आगे कैसी रह सकती है इसकी चाल

Forex trading : मिरे एसेट शेयर्स में रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि डॉलर की मजबूती और ग्लोबल बाजारों की कमजोरी के कारण आज भारतीय रुपया 86 के स्तर को पार कर गया और नए निचले स्तर पर पहुंच गया। एफआईआई नेट सेलर बने हुए हैं, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में करीब 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी नान-एग्री पेरोल रिपोर्ट उम्मीद से बेहतर होने के कारण अमेरिकी डॉलर में तेजी आई है

अपडेटेड Jan 13, 2025 पर 5:09 PM
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Currency market : विदेशी मुद्रा विश्लेषकों के मुताबिक घटते मुद्रा भंडार के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर को स्थिर करने के प्रति अपना रुख बदल सकता है

Currency trading : आज सोमवार 13 जनवरी को भारतीय रुपया 61 पैसे गिरकर 86.61 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ है। वहीं, शुक्रवार को यह 85.97 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। एलकेपी सिक्योरिटीज में वीपी रिसर्च एनालिस्ट कमोडिटी और करेंसी जतिन त्रिवेदी का कहना है कि रुपया 61 पैसे की भारी गिरावट के साथ 86.61 पर बंद हुआ है। यह पिछले सप्ताह की 1 फीसदी से अधिक की तीव्र गिरावट के बीच इसका सबसे निचला स्तर है। यह गिरावट कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण आई है। बाइडेन प्रशासन द्वारा रूस पर प्रतिबंधों के बाद कच्चा तेल 81 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया। कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों ने भारत के आयात बिल को और बढ़ा दिया है,जिससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। रुपये के लिए ट्रेडिंग रेंज 87.00 के आसपास सपोर्ट और 86.25 के आसपास रजिस्टेंस के बीच दिख रही है। बाजार की नजर भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और कमोडिटी रुझानों पर बनी हुई है।

मिरे एसेट शेयर्स में रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि डॉलर की मजबूती और ग्लोबल बाजारों की कमजोरी के कारण आज भारतीय रुपया 86 के स्तर को पार कर गया और नए निचले स्तर पर पहुंच गया। एफआईआई नेट सेलर बने हुए हैं, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में करीब 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी नान-एग्री पेरोल रिपोर्ट उम्मीद से बेहतर होने के कारण अमेरिकी डॉलर में तेजी आई है। जिससे जनवरी में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं किए जाने की संभावना बढ़ गई है। मिशिगन में 1-वर्षीय महंगाई की उम्मीदें भी जनवरी में 3.3 फीसदी पर अनुमान सेअधिक रहीं हैं, जबकि दिसंबर में यह 2.8 फीसदी थी।

अनुज चौधरी का मानना है कि मजबूत डॉलर और घरेलू बाजारों में कमजोरी के कारण रुपया कमजोर रहेगा। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और ग्लोबल बाजारों में जोखिम से बचने का ट्रेंड भी रुपये पर असर डाल सकता है। इस सप्ताह भारत और अमेरिका से आने वाले महंगाई के आंकड़ों से पहले ट्रे़डर सतर्क रह सकते हैं। USDINR स्पॉट कीमत 86.25 रुपये से 86.80 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।


रुपए में इस अभूतपूर्व गिरावट का कारण अमेरिकी डॉलर में लगातार आ रही मजबूती को माना जा रहा है। जिसके कारण भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पूंजी की भारी मात्रा में निकासी हुई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 2,254.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने अब तक उन्होंने भारतीय इक्विटी मार्केट से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं।

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विदेशी मुद्रा विश्लेषकों के मुताबिक घटते मुद्रा भंडार के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर को स्थिर करने के प्रति अपना रुख बदल सकता है। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली ने कहा," बढ़ती मांग और घटती आपूर्ति के बीच आरबीआई रुपए में कमजोरी की अनदेखी कर सकता है।"

बाजार जानकारों का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी में उम्मीद से बेहतर रोजगार बढ़त के कारण डॉलर मजबूत हुआ,जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में धीमी कटौती की उम्मीदों के बीच बेंचमार्क ट्रेजरी यील्ड में बढ़त हुई है।

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