Dreamfolks Shares: 5 दिन से लगातार गिर रहा शेयर, 25% तक टूटा भाव, इस कारण रिटेल निवेशकों के डूब रहे पैसे

Trent Shares: टाटा ग्रुप की कंपनी ट्रेंट लिमिटेड के शेयरों में पिछले दो दिनों से जारी गिरावट आज 7 जुलाई को थम गई। शेयर का भाव कारोबार के दौरान 1 फीसदी से अधिक बढ़कर 5,515 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। बर्नस्टाइन ने ट्रेंट के शेयरों पर अपनी 'आउटपरफॉर्म' की रेटिंग बरकरार रखी है और इसका टारगेट प्राइस 6500 रुपये तक किया है

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 3:02 PM
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Dreamfolks Services Shares: पारस डिफेंस के शेयरों में सबसे अधिक 7% तक की गिरावट देखने को मिली

Dreamfolks Services Shares: ड्रीमफोक्स सर्विसेज के शेयरों में आज 7 जुलाई को लगातार पांचवे दिन गिरावट जारी रही। एयरपोर्ट लाउंज और ट्रैवल सेवाएं मुहैया कराने वाली इस कंपनी के शेयर कारोबार के दौरान 6 पर्सेंट तक लुढ़ककर 179.79 रुपये के स्तर तक आ गए। पिछले पांच दिनों में यह करीब 25% तक नीचे गिर चुका है। कंपनी के कारोबार में कॉम्पिटीशन बढ़ने से जुड़ी चिंताओं के चलते निवेशक लगातार इस शेयर में बिकवाली कर रहे हैं। दबाव तब और बढ़ गया, जब इस शेयर में हिस्सेदारी रखने वाले म्यूचुअल फंडों ने भी कंपनी के शेयर बेचे।

एक्सचेंज पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड और बजाज फाइनेंस, दोनों ने शुक्रवार 4 जुलाई को कंपनी के शेयर बेचे। मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने कंपनी के 2.7 लाख शेयर 211.14 रुपये के औसत भाव पर बेचे, जो कंपनी की 0.5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। वहीं बजाज फाइनेंस ने 196.32 रुपये प्रति शेयर की दर से 3.09 लाख शेयरों की बिक्री की, जो कंपनी की 0.58 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है।।

मार्च तिमाही के अंत में मोतीलाल ओसवाल के पास ड्रीमफोक्स सर्विसेज में 7.11 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं, बजाज फाइनेंस का नाम मार्च तिमाही की शेयरहोल्डिंग में शामिल नहीं था, जिससे माना जा रहा है कि उसने हाल ही में खरीदारी की थी और अब आंशिक रूप से मुनाफावसूली कर रहा है।


मार्च तिमाही में मोतीलाल ओसवाल ही इकलौता म्यूचुअल फंड था जिसके पास ड्रीमफोक्स में हिस्सेदारी थी। इसके अलावा मोबियस इनवेस्टमेंट ट्रस्ट के पास कंपनी 1.46% हिस्सेदारी थी। जबकि 1.14 लाख छोटे रिटेल निवेशकों के पास कंपनी की 20.65% हिस्सेदारी थी।

शेयरों में गिरावट की असली वजह क्या है?

ड्रीमफोक्स सर्विसेज के शेयरों में हालिया गिरावट, अदाणी एयरपोर्ट्स के एक बयान के बाद आया है। कंपनी के सीईओ ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में बताया कि अब एयरपोर्ट्स पर लाउंज तक पहुंच के लिए बिचौलियों की जरूरत नहीं है और यह काम सीधे एयरपोर्ट ऑपरेटरों के जरिए किया जा सकता है।

इससे पहले न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया था कि ICICI बैंक, एक्सिस बैंक और मास्टरकार्ड जैसे बड़े संस्थान अब ड्रीमफोक्स से सीधे डील करने के बजाय एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेटर्स से सीधे समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं। इससे कंपनी के भविष्य के कारोबार पर खतरा मंडराने लगा है।

कंपनी का पक्ष

ड्रीमफोक्स सर्विसेज की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर, लिबरथा पीटर कल्लट ने CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के क्लाइंट्स पर मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स से बाहर निकले के लिए कॉम्पिटीटर्स दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कंपनी को अधिग्रहण के अप्रत्यक्ष प्रस्ताव मिल रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर किसी का का नाम लिए बिना मौजूदा एयरपोर्ट ऑपरेटरों पर कंपनी के ग्राहकों पर दबाव डालने का आरोप लगाया।

इस साल 55% गिरा शेयर

दोपहर 2.50 बजे के करीब, ड्रीमफोक्स सर्विसेज के शेयर 6.03 फीसदी की गिरावट के साथ 179.46 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इससे पहले शुक्रवार 4 जुलाई को यह शेयर करीब 12 फीसदी तक लुढ़क गया था। इस साल की शुरुआत से अब तक शेयर में करीब 55 फीसदी गिरावट आ चुकी है।

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