इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के मामले में एक और दिलचस्प खुलासा हुआ है। वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2023 के फाइनेंशियल डेटा के मुताबिक कई कंपनियों द्वारा खरीदा गया इलेक्टोरेल बॉन्ड संबंधित अवधि के उनके नेटवर्थ और प्रॉफिट से भी कई गुना ज्यादा था।
