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Ethanol Blending scheme : अब डीजल में भी मिलेगा एथेनॉल, 5% एथेनॉल ब्लेंडिंग की तैयारी: सूत्र

Ethanol Blending Programme : अब डीजल में भी एथेनॉल मिलाया जाएगा। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक डीजल में 5 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग की तैयारी है। डीजल में एथेनॉल ब्लेंडिंग अभी टेस्टिंग स्टेज में है। टेस्टिंग एजेंसी ARAI इथेनॉल ब्लेंडिंग पर काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही OMCs को भारी वाहनों पर टेस्टिंग के लिए कहा जाएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 13, 2024 पर 1:45 PM
Ethanol Blending scheme : अब डीजल में भी मिलेगा एथेनॉल, 5% एथेनॉल ब्लेंडिंग की तैयारी: सूत्र
इस खबर से इथेनॉल बनाने वाली शुगर कंपनियों को फायदा होगा। इसमें प्राज इंडस्ट्रीज और इंडिया ग्लाइकोल जैसी कंपनियां शामिल हैं। फिलहाल प्राज इंडस्ट्रीज के शेयर 10.85 रुपए यानी 1.54 फीसदी की बढ़त के साथ 718 रुपए के आसपास दिख रहा है

Ethanol Blending : पेट्रोल के बाद अब डीजल में भी एथेनॉल ब्लेंडिंग की तैयारी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार डीजल में जल्द 5 फीसदी एथेनॉल मिलाने जा रही है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता रोहन सिंह ने बताया कि अब डीजल में भी एथेनॉल मिलाया जाएगा। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक डीजल में 5 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग की तैयारी है। सूत्रों की कहना है कि इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह PMO और संबंधित मंत्रालयों की बैठक हुई थी।

डीजल में एथेनॉल ब्लेंडिंग अभी टेस्टिंग स्टेज में है। टेस्टिंग एजेंसी ARAI इथेनॉल ब्लेंडिंग पर काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही OMCs को भारी वाहनों पर टेस्टिंग के लिए कहा जाएगा। BS-VI वाहनों में इसका टेस्ट होना अभी बाकी है। गौरतलब है कि अभी सिर्फ पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग होती है।

पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का अनुपात पहली बार मई महीने में 15 फीसदी के पार

पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को पाने के नजदीक पहुंचने के बाद सरकार डीजल में भी इथेनॉल को मिलाना चाह रही है। सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंड करने का जो टारगेट सेट किया है, उसे अगले 2 साल में हासिल कर लेने की उम्मीद है। सरकार को यह प्रस्ताव ऐसे समय मिला है, जब पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का अनुपात पहली बार मई महीने में 15 फीसदी के पार निकल गया। सरकार दो कारणों से डीजल और पेट्रोल जैसे ईंधनों में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इससे एक ओर पर्यावरण को प्रदूषण के चलते होने वाले नुकसान में कमी लाने में मदद मिलती है। दूसरी ओर डीजल और पेट्रोल की खपत कम होने से कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता भी कम होती है।

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