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Experts view : RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती का मौका, डिफेंस और पावर शेयरों में होगी कमाई

Daily Voice: श्रीराम वेल्थ के विकास सतीजा का कहना है कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि-तकनीक और इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन इससे बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 30, 2025 पर 12:07 PM
Experts view : RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती का मौका, डिफेंस और पावर शेयरों में होगी कमाई
Daily Voice: विकास सतीजा ने कहा कि चांदी कीमती धातु होने के साथ ही इंडस्ट्रियल मेटल भी है। क्लीन एनर्जी और अन्य सेक्टरों में बढ़ती मांग और सोने के 3,800 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर चले जाने के कारण चांदी अपेक्षाकृत सस्ती हो गई है

Daily Voice :  श्रीराम वेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विकास सतीजा ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा कि बाजार फिलहाल कंसोलीडेशन के दौर में है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे कॉर्पोरेट आय में हाई सिंगल डिजिट से सुधार आएगा और टैरिफ संबंधी चिंताएं कम होंगी, विदेशी संस्थागत निवेशकों के सपोर्ट से शेयर बाजार में तेजी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे मानसून और महंगाई में नरमी से RBI को ब्याज दरों में कटौती का मौका मिल सकता है। इससे बाजार की तेजी और बढ़ सकती है।

डिफेंस और पावर सेक्टर में तेजी की उम्मीद

विकास सतीजा डिफेंस और पावर सेक्टर के प्रति पॉजिटिव नजरिया बनाए हुए हैं। उनका मानना ​​है कि आने वाले सालों में भारत की बिजली की मांग पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ेगी। उनकी राय है कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि-तकनीक और इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन इससे बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। भारत की ग्रोथ घरेलू खपत, बुनियादी ढांचे में निवेश और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता पर निर्भर करेगी।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला

उनका मानना कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली किसी ट्रेड डील से एक्सपोर्ट में तेजी आएगी। लेकिन इससे देश के मूलभूत ढांचे में कोई खास बदलाव आने की संभावना नहीं है। निवेशकों को सेक्टोरल स्तर पर टैरिफ में होने वाले बदलावों पर नज़र रखनी चाहिए। लेकिन मुख्य रूप से भारत के स्वाभाविक विकास पर फोकस बनाए चाहिए। ऐसे में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है, लेकिन इससे मार्केट सेंटीमेंट बेहतर होगा।

कंसोलीडेशन के दौर में बाजार

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