F&O Manual : निफ्टी आज 23 अगस्त को पूरे दिन एक छोटे दायरे में ही घूमता रहा है। निफ्टी पिछले 6 कारोबारी सत्रों से 19300-19500 रेंज के बीच कंसोलीडेट हो रहा है। इंट्राडे के नजरिए से देखे तो इसको 19440 के स्तर के आसपास भरी प्रतिरोध (डबल टॉप रजिस्टेंस) का सामना करना पड़ा है। मंदड़िये बाजार में तेजी को दूर रखने में सफल हो रहे हैं क्योंकि 19450 और 19500 स्ट्राइक पर भारी मात्रा में कॉल राइटर्स की उपस्थिति दिख रही है।
दोपहर 2 बजे के आसपास भारतीय बाजारों में हल्की बढ़त देखने को मिल रही है। बाजार जानकारों को उम्मीद है कि बाजार निकट की अवधि में सीमित दायरे में कारोबार करता रहेगा। निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की वार्षिक जैक्सन होल सभा और फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के सप्ताह के अंत में होने वाले भाषण पर लगी हुई है।
फिलहाल निफ्टी 59.15 अंक यानी 0.3 फीसदी की बढ़त के साथ 19455.60 दिख रहा है। वहीं, सेंसेक्स 236.87 अंक यानी 0.36 फीसदी की तेजी लेकर 65456.90 पर दिख रहा है। सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो कैपिटल गुड्स और मेटल इंडेक्स 1 फीसदी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
19300-19500 के दायरे में फंसा निफ्टी
निफ्टी 19450 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है। इस तरह ये आज भी 19300-19500 के दायरे घूम रहा है। यह पिछले छह सत्रों से इसी दायरे में फंसा हुआ है। निफ्टी ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों में दो बार दैनिक चार्ट पर दोजी पैटर्न बनाया है। ये बाजार की दिशा साफ न होने का संकेत है। ब्रोकरेज फर्म सैमको सिक्योरिटीज का कहना अब अगर निफ्टी 19500 से ऊपर की मजबूत क्लोजिंग देता है तभी निफ्टी में 19650 के स्तर तक की नई तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं, अगर निफ्टी 19300 के नीचे फिसलता है तो बिकवाली का दबाव बढ़ा सकता है और निफ्टी 19000 के स्तर तक फिसल सकता है।
क्रॉम्पटन, सन टीवी और इंडियन होटल्स में लॉन्ग बिल्ड-अप
अलग-अलग स्टॉक्स पर नजर डालें तो आज के कारोबार में क्रॉम्पटन, सन टीवी और इंडियन होटल्स में लॉन्ग बिल्ड-अप देखने को मिला है। लॉन्ग बिल्ड-अप तब होता है जब शेयर की कीमत और ओपन इंटरेस्ट एक साथ बढ़ते हैं। ये एक पॉजिटिव संकेत है।
एमएफएसएल,अदानी एंटरप्राइजेज और अदानी पोर्ट्स में शॉर्ट बिल्ड-अप
एमएफएसएल,अदानी एंटरप्राइजेज और अदानी पोर्ट्स में शॉर्ट बिल्ड-अप देखने को मिला है। शॉर्ट बिल्ड-अप तब होता है जब ओपन इंटरेस्ट बढ़ता है लेकिन स्टॉक की कीमत में गिरावट आती है। यह शेयरों में गिरावट का संकेत है
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