Yes Bank Share Price: निजी सेक्टर के दिग्गज बैंक यस बैंक (Yes Bank) के शेयरों में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता नजर आ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2022 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने अपनी हिस्सेदारी यस बैंक में बढ़ा ली है। बैंक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एफआईआई की हिस्सेदारी दिसंबर 2022 तिमाही में 11.09 फीसदी बढ़कर 23.24 फीसदी पर पहुंच गई। एक तिमाही पहले यह 12.15 फीसदी पर थी। मूडीज के ईएसजी सॉल्यूशंस में उभरते बाजारों के 90 खुदरा और स्पेशलाइज्ड बैंकों की सूची में यस बैंक को पांचवे स्थान पर रखा गया है।
इसका असर शेयरों पर भी दिख रहा है और कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में भी यह ग्रीन जोन में है। इसके शेयर अभी बीएसई पर 16.65 रुपये के भाव पर ट्रेड हो रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म भी इसे लेकर पॉजिटिव दिख रहे हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इसकी होल्ड रेटिंग को बरकरार रखा है।
Yes Bank में FII का दमदार भरोसा
दिसंबर 2022 तिमाही में यस बैंक में एफआईआई की हिस्सेदारी 23.24 फीसदी पर पहुंच गई। इसकी तुलना अगर पिछले वित्त वर्षों की समान तिमाही से करें तो विदेशी निवेशकों का यस बैंक में भरोसा शानदार दिख रहा है। वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यस बैंक में एफआईआई की 8.17 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में 15.01 फीसदी हिस्सेदारी थी। वित्त वर्ष 2022 के आखिरी में यस बैंक में एफआईआई की हिस्सेदारी 10.97 फीसदी थी।
वहीं दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) और पब्लिक शेयरहोल्डर इससे पैसे निकाल रहे हैं। यस बैंक में डीआईआई की सितंबर 2022 में हिस्सेदारी 43.91 फीसदी हिस्सेदारी थी लेकिन अगली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2022 में यह घटकर 38.19 फीसदी पर आ गई। वहीं पब्लिक शेयरहोल्डर की हिस्सेदारी तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 43.94 फीसदी से गिरकर 38.54 फीसदी पर आ गई।
यस बैंक ने 48 हजार करोड़ रुपये के बैड लोन के जेसी फ्लॉवर्स एआरसी (एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी) को ट्रांसफर कर दिया। इसके चलते बैंक का ग्रॉस एनपीए दिसंबर 2022 तिमाही में गिरकर 2 फीसदी और नेट एनपीए 1 फीसदी पर आ गया। इसके अलावा बैंक ने दिसंबर 2022 तिमाही में Carlyle and Advent से 8896 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाया।
इन सब पॉजिटिव के बावजूद घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कुछ बातों पर ध्यान रखने की जरूरत बताई है जैसे कि बैड लोन्स के रिजॉल्यूशन में देरी, एटी-1 बॉन्ड्स के राइट डाउन को कोर्ट में चुनौती और मार्च 2023 में लॉक इन पीरियड समाप्त होने के बाद शेयरों की सप्लाई बढ़ना इत्यादि। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज ने इसकी होल्ड रेटिंग को बरकरार रखा है और 19.3 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया है।
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