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FIIs ने वास्तव में 25 नवंबर को नहीं खरीदे 10,000 करोड़ रुपये के शेयर, जानें क्यों?

लगातार 38 कारोबारी सत्रों के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) ने आखिरकार 25 नवंबर को खरीदारी का बटन दबाया। प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, 25 नवंबर को शेयर बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट के बीच विदेशी निवेशकों ने तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस इनफ्लो की मुख्य वजह MSCI (मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इनवेस्टमेंट) इंडेक्स में फेरबदल था। वोल्टास, ओबेरॉय रियल्टी, बीएसई, कल्याण ज्वैलर्स और अलकेम लैबोरेटरीज जैसे स्टॉक्स को 25 नवंबर को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 26, 2024 पर 9:39 PM
FIIs ने वास्तव में 25 नवंबर को नहीं खरीदे 10,000 करोड़ रुपये के शेयर, जानें क्यों?
पिछले दो महीनों से फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) भारतीय बाजार में काफी आक्रामक तरीके से बिकवाली कर रहे हैं।

लगातार 38 कारोबारी सत्रों के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) ने आखिरकार 25 नवंबर को खरीदारी का बटन दबाया। प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, 25 नवंबर को शेयर बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट के बीच विदेशी निवेशकों ने तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस इनफ्लो की मुख्य वजह MSCI (मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इनवेस्टमेंट) इंडेक्स में फेरबदल था। वोल्टास, ओबेरॉय रियल्टी, बीएसई, कल्याण ज्वैलर्स और अलकेम लैबोरेटरीज जैसे स्टॉक्स को 25 नवंबर को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया गया, जबकि बाकी कंपनियों को MSCI के स्मॉल कैप इंडेक्स में जोड़ा गया।

वेंटूरा सिक्योरिटीज (Ventura Securities) में रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर ने बताया, 'FII की खरीदारी के बड़े हिस्से के लिए MSCI इंडेक्स के बड़े हिस्से को जिम्मेदार माना जा सकता है। पांच भारतीय कंपनियों को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में जोड़ा गया है, जिससे तकरीबन 2.5 अरब डॉलर (तकरीबन 20,000 करोड़ रुपये) का पैसिव इनफ्लो देखने को मिला। खरीदारी की हालिया गतिविधि बाजार में FIIs की वापसी के बजाय कुछ खास इनफ्लो की तरफ इशारा करती है।'

यह काफी अहम है, क्योंकि बाजार से जुड़े खिलाड़ियों का मानना है कि नेट MSCI FII पैसिव फ्लो 2-2.5 अरब डॉलर होना चाहिए, जो तकरीबन 17,000 करोड़ रुपये बैठता है। हा लांकि, 25 नवंबर का फ्लो तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये था और एक्सपर्ट्स की मानें तो शेयर बाजार में तेजी के बीच FIIs ने 7,000 से 8,000 करोड़ रुपये के कैश पोजिशन की बिक्री की।

पिछले दो महीनों से फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) भारतीय बाजार में काफी आक्रामक तरीके से बिकवाली कर रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर 2025 में उनकी नेट सेल्स 13 अरब डॉलर से भी ज्यादा रही। इस बिकवाली की कई वजहें हैं- सितंबर के आखिर में चीन में राहत पैकेज का ऐलान, अमेरिकी चुनाव की वजह से ग्लोबल मार्केट्स में उतार-चढ़ाव, भूराजनीतिक तनाव में बढ़ोतरी आदि। इसके अलावा, निराशाजनक अर्निंग सीजन बाजार में जोश भरने में नाकाम रहा। इसके अलावा, हाई वैल्यूएशन की वजह से भी निवेशक बाजार से दूर हैं।

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