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शेयर बाजार में FIIs खेल रहे नया गेम? बड़े शेयर बेच, छोटे शेयरों पर लगा रहे बड़ा दांव

महीनों से हम सुन रहे हैं FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारत से मोहभंग हो चुका है। भारतीय शेयर बाजार में वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं। लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है। असलियत ये है कि विदेशी निवेशक, लार्जकैप शेयरों को बेच रहे हैं और इसकी जगह अब छोटे शेयरों यानी स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों पर दांव लगा रहे हैं। यह कुछ ऐसा ही गेम है, जैसा अब तक रिटेल निवेशक खेलते आ रहे थे

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jan 24, 2025 पर 6:26 PM
शेयर बाजार में FIIs खेल रहे नया गेम? बड़े शेयर बेच, छोटे शेयरों पर लगा रहे बड़ा दांव
FIIs ने BSE MidCap के 44% और SmallCap में इससे भी अधिक 55% शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है

महीनों से हम सुन रहे हैं FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारत से मोहभंग हो चुका है। भारतीय शेयर बाजार में वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं। लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है। असलियत ये है कि विदेशी निवेशक, लार्जकैप शेयरों को बेच रहे हैं और इसकी जगह अब छोटे शेयरों यानी स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों पर दांव लगा रहे हैं। यह कुछ ऐसा ही गेम है, जैसा अब तक रिटेल निवेशक खेलते आ रहे थे।

हालिया दिसंबर तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि FIIs ने इस दौरान Nifty 50 के सिर्फ 9 कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है और बाकी 41 कंपनियों में उन्होंने शेयर बेचे हैं। इसी तरह Nifty 100 में उन्होंने सिर्फ 26 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। लेकिन अब दिलचस्प बात यह है कि BSE MidCap के 44% और SmallCap में इससे भी अधिक 55% शेयरों में FIIs ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।

BSE SmallCap इंडेक्स की जिन 937 कंपनियों ने अब तक अपने शेयरहोल्डिंह पैटर्न के आंकड़े जारी किए हैं, उनमें से FIIs ने 466 कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई। वहीं, 425 कंपनियों में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी घटाई। बाकी 46 कंपनियों में हिस्सेदारी स्थिर रही। ये बदलाव बताता है कि FIIs अब स्मॉलकैप शेयरों में कमाई के अधिक अवसर देख रहे हैं। जबकि अब तक सिर्फ रिटेल निवेशक ही स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करने के मामले में सबसे आगे रहते थे।

अब सवाल उठता है कि FIIs ने ये रुख क्यों बदला? इसका जवाब है IPO मार्केट में आया बूम। DRChoksey FinServ के देवन चोकसी ने बताया कि असल में IPO में निवेश के चलते FIIs की स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ी है।

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