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FPI के निवेश की रफ्तार पड़ी सुस्त, अगस्त में अबतक शेयरों में डाले 10689 करोड़ रुपये

FPI ने पिछले तीन महीनों में भारतीय इक्विटी में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था। जुलाई में नेट इनफ्लो 46,618 करोड़ रुपये, जून में 47,148 करोड़ रुपये और मई में 43,838 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल में निवेश 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,935 करोड़ रुपये था

Edited By: Shubham Singh Thakurअपडेटेड Aug 27, 2023 पर 1:58 PM
FPI के निवेश की रफ्तार पड़ी सुस्त, अगस्त में अबतक शेयरों में डाले 10689 करोड़ रुपये
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय शेयर बाजारों में निवेश की रफ्तार अगस्त में कुछ सुस्त पड़ी है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय शेयर बाजारों में निवेश की रफ्तार अगस्त में कुछ सुस्त पड़ी है। इससे पहले पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयरों में भारी निवेश किया था। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मुद्रास्फीति के जोखिम के बीच इस महीने अबतक विदेशी निवेशकों का शेयर बाजारों में शुद्ध निवेश 10,689 करोड़ रुपये रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार इस महीने अबतक यानी 26 अगस्त तक एफपीआई ने शेयरों में 10,689 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

एक्सपर्ट्स की राय

कोटक सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि मैक्रो इकोनॉमिक अनिश्चितता और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने की वजह से इस हफ्ते शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है। उन्होंने आगे कहा, "इससे विदेशी निवेशक भारत सहित उभरते बाजारों से निकासी कर सकते हैं और अमेरिकी सिक्योरिटीज में निवेश बढ़ा सकते हैं।’’

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अगस्त में मानसून कमजोर रहने और इसके असमतल वितरण से मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर रह सकती है। यह स्थिति बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित करेगी।

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