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Yes Bank को मिला विदेशी निवेशकों का साथ, FY23 में बढ़ाई हिस्सेदारी, इन दो बैकों के भी खरीदे शेयर

विदेशी निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान जहां देश के कई प्रमुख प्राइवेट बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) के हालिया आंकड़े से यह जानकारी मिली है

अपडेटेड May 02, 2023 पर 12:07 AM
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ICICI बैंक में FPI ने अपनी हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं है

विदेशी निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान जहां देश के कई प्रमुख प्राइवेट बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) के हालिया आंकड़े से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के मुताबिक, यस बैंक में FPI ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान अपनी हिस्सेदारी 12% बढ़ाई है। मार्च 2022 के अंत में यस बैंक में FPI की हिस्सेदारी 10.97 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 23.1 फीसदी पर पहुंच गई है।

यस बैंक में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ने के पीछे मुख्य वजह एक डील है। वित्त वर्ष 2023 में दो बड़े ग्लोबल इक्विटी फर्मों- कार्लाइल और एडवेंट ने यस बैंक में 8,896 करोड़ रुपये के निवेश से 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।

इसके अलावा FPI ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान IDFC फर्स्ट बैंक और एक्सिस बैंक में भी क्रमश: 6% और 2% हिस्सेदारी बढ़ाई है। FPI ने एक्सिस बैंक में अपनी हिस्सेदारी ऐसे समय में बढ़ाई है, जब उसने वित्त वर्ष 2023 में सिटी बैंक के भारत में कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस का अधिग्रहण किया है।


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FPI ने इसके अलावा बाकी सभी प्राइवेट बैंकों में 2023 में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। देश के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष 3 फीसदी घटाई। वहीं RBL बैंक और इंडसइंड बैंक दोनों में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी 4-4 फीसदी घटाई है।

हालांकि ICICI बैंक में FPI ने अपनी हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं है। वित्त वर्ष 2022 के अंत में ICICI बैंक की 44 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों के हाथ में थी। वित्त वर्ष 2023 के अंत में भी यहीं आंकड़ा बरकरार रहा।

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