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52 वीक के लो से 152% चढ़ चुका है यह मल्टीबैगर स्टॉक, देने जा रहा बोनस शेयर; रिकॉर्ड डेट फिक्स

शुक्रवार को Gensol Engineering का शेयर 3.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2025.05 रुपये पर बंद हुआ। पिछले 6 माह में कंपनी का शेयर 78 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई एक सूचना में कहा है कि उसने बोनस शेयर जारी करने के लिए रिकॉर्ड डेट 17 अक्टूबर 2023 फिक्स की है, यानी इस तारीख तक शेयर होल्ड करने वाले शेयरधारकों को एक्स्ट्रा शेयर मिलेंगे

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 07, 2023 पर 9:35 AM
52 वीक के लो से 152% चढ़ चुका है यह मल्टीबैगर स्टॉक, देने जा रहा बोनस शेयर; रिकॉर्ड डेट फिक्स
इस बोनस शेयर इश्यूएंस के तहत 2,52,48,598 तक इक्विटी शेयरों को जारी किए जाने का प्लान है।

Gensol Engineering ने सितंबर माह में घोषणा की थी कि वह बोनस शेयर इश्यू करेगी। यह 2:1 के रेशियो में होगा। इसका मतलब हुआ कि कंपनी रिकॉर्ड डेट तक शेयर होल्ड करने वाले पात्र शेयरधारकों को उनके पास मौजूद हर एक शेयर पर दो एक्स्ट्रा शेयर बोनस के तौर पर देगी। अब Gensol Engineering ने बोनस इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट की घोषणा कर दी है। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई एक सूचना में कहा है कि उसने बोनस शेयर जारी करने के लिए रिकॉर्ड डेट 17 अक्टूबर 2023 फिक्स की है, यानी इस तारीख तक शेयर होल्ड करने वाले शेयरधारकों को एक्स्ट्रा शेयर मिलेंगे।

शुक्रवार 6 अक्टूबर को कंपनी का शेयर 3.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2025.05 रुपये पर बंद हुआ। Gensol Engineering साल 2019 में अपना पब्लिक इश्यू लेकर आई थी। इसका शेयर अपने जबर्दस्त रिटर्न के लिए चर्चित रहा है। जेनसोल इंजीनियरिंग, एक इंजीनियरिंग सर्विस प्रोवाइडर है जो दुनिया को सोलर पावर प्रोजेक्ट्स बनाने में मदद करती है। कंपनी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के क्लाइंट हैं। FY23 में कंपनी ने 186 करोड़ रुपये का रेवेन्यु कमाया और 13.55 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया।

6 माह में शेयर 78% से ज्यादा चढ़ा 

पिछले 6 माह में कंपनी का शेयर 78 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है। Gensol Engineering के स्टॉक ने 14 मार्च 2023 को अपना 52 वीक का लो ​देखा था, जो कि 797.05 रुपये था। इस स्तर से शेयर अब तक 152.86% प्रतिशत चढ़ चुका है। जेनसोल इंजीनियरिंग के साथ 450 इंजीनियर काम कर रहे हैं। कंपनी की भारत के 18 राज्यों में मौजूदगी है। इसके अलावा यह अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया के कई हिस्सों में भी ऑपरेशनल है।

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