Godavari Biorefineries IPO Listing: लिस्टिंग के बाद ऊपर चढ़े शेयर, लेकिन अब भी आईपीओ निवेशक घाटे में

Godavari Biorefineries IPO Listing: बॉयोरिफाइनरीज एथेनॉल पर आधारित केमिकल बनाती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। चेक करें कंपनी की कारोबार सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Oct 30, 2024 पर 4:04 PM
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Godavari Biorefineries IPO Listing: गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज का ₹554.75 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23-25 अक्टूबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Godavari Biorefineries IPO Listing: एथेनॉल कंपनी गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में 11 फीसदी से अधिक डिस्काउंट पर एंट्री हुई। हालांकि इसके बाद शेयरों को सपोर्ट मिला और यह ऊपर चढ़ा। इसके आईपीओ को भी मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था। आईपीओ के तहत 352 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 310.55 रुपये और NSE पर 308.00 रुपये पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि 11 फीसदी से अधिक पूंजी ही घट गई। लिस्टिंग के बाद रिकवरी हुई और उछलकर BSE पर यह 354.00 रुपये (Godavari Biorefineries Share Price) पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह 342.85 रुपये के भाव पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 2.60 फीसदी घाटे में हैं।

कैसा रिस्पांस मिला था Godavari Biorefineries IPO को?

गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज का ₹554.75 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23-25 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ में हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था और ओवरऑल यह 1.87 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 2.76 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.93 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.76 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 325.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 65,26,983 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।


Godavari Biorefineries के बारे में

वर्ष 1956 में बनी गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज एथेनॉल पर आधारित केमिकल बनाती है। जून 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसकी क्षमता हर दिन 570 किलोलीटर एथेनॉल बनाने की है। कंपनी की साइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक बॉयो एथिल एसीटेट बनाने वाली यह देश की इकलौती कंपनी है और 1,3 ब्यूटीलीन ग्लाईकॉल बनाने वाली दो कंपनियों में एक यह भी है। वॉल्यूम के हिसाब से एथेनॉल बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में यह भी है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में चीनी, कई प्रकार के एथेनॉल और बिजली है। इसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल फूड, बेवरेजेज, फार्मा, फ्लेवर और फ्रेगरेंसेज, पावर, फ्यूल, पर्सनल केयर, और कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्रीज में होता है। इसके दो मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज और तीन आरएंडडी फैसिलिटीज हैं। अक्टूबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसे कई देशों में 18 पेटेंट्स और 53 रजिस्ट्रेशन हासिल हो चुके हैं। इसका कारोबार 20 से अधिक देशों में फैला हुआ है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 19.10 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 19.64 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा गिरकर 12.30 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में उतार-चढ़ाव दिखा और वित्त वर्ष 2022 में 1,709.98 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 2,023.08 करोड़ रुपये पर पहुंचा लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2024 में यह गिरकर 1,701.06 करोड़ रुपये पर आ गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो अप्रैल-जून 2024 में इसे 26.11 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ और 525.27 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।

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