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Gold और सिल्वर ईटीएफ की वैल्यूएशन का बदलेगा तरीका, जानिए क्या है SEBI का प्लान

ईटीएफ के गोल्ड और सिल्वर की वैल्यूएशन के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) के प्राइस का इस्तेमाल करती हैं। यह प्राइस अमेरिकी डॉलर में होता है। फंड मैनेजर्स इस प्राइस को पहले रुपये में कनवर्ट करते हैं। उसके बाद इसमें कस्टम ड्यूटी, लोकल टैक्स और इंडियन मार्केट्स की स्थितियों के अनुसार प्रीमियम जोड़ा या घटाया जाता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jul 17, 2025 पर 12:26 PM
Gold और सिल्वर ईटीएफ की वैल्यूएशन का बदलेगा तरीका, जानिए क्या है SEBI का प्लान
सेबी ने इस बारे में 16 जुलाई को एक कंसल्टेशन पेपर पेश किया है। इस प्रस्ताव पर 6 अगस्त तक राय दी जा सकती है।

गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की वैल्यूएशन का तरीका बदलने जा रहा है। सेबी ने इस बारे में 16 जुलाई को एक कंसल्टेशन पेपर पेश किया है। इसमें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के पास रखे गोल्ड और सिल्वर की वैल्यूएशन के तरीके में बड़े बदलाव का प्रस्ताव शामिल है। इस प्रस्ताव पर 6 अगस्त तक राय दी जा सकती है। दरअसल, सेबी ईटीएफ के गोल्ड और सिल्वर की वैल्यूएशन के तरीके को पारदर्शी बनाना चाहता है। रेगुलेटर का मानना है कि अभी वैल्यूएशन के जिस तरीके का इस्तेमाल हो रहा है, उसमें बदलाव करने की जरूरत है।

अभी इस तरीके का इस्तेमाल होता है

अभी ईटीएफ के गोल्ड और सिल्वर की वैल्यूएशन के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) के प्राइस का इस्तेमाल करती हैं। यह प्राइस अमेरिकी डॉलर में होता है। फंड मैनेजर्स इस प्राइस को पहले रुपये में कनवर्ट करते हैं। उसके बाद इसमें कस्टम ड्यूटी, लोकल टैक्स और इंडियन मार्केट्स की स्थितियों के अनुसार प्रीमियम जोड़ा या घटाया जाता है। यह प्रोसेस काफी लंबा है। इससे एएमसी के पास प्राइस एडजस्टमेंट के लिए अलग-अलग सोर्सेज का इस्तेमाल करने की गुंजाइश होती है। वे अपने हिसाब से कम या ज्यादा बार इस प्रोसेस का इस्तेमाल करती हैं। इससे वैल्यूएशन के तरीके में समानता नहीं रह जाती है।

सेबी इस तरीके का इस्तेमाल चाहता है

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