GOLDMAN SACHS ON INDIA : नियर टर्म में दायरे में रहेगा बाजार, 2025 के अंत तक निफ्टी में 27000 का स्तर मुमकिन

गोल्डमैन सैक्स को निवेश के नजरिए से मिडटर्म थीम्स ज्यादा पसंद हैं जिनमें आवास, कृषि, डिफेंस, पर्यटन और समृद्ध भारत शामिल हैं। इसका कहना है कि 2024 में MSCI इंडिया अर्निंग ग्रोथ 12 फीसदी रहना संभव है

अपडेटेड Nov 21, 2024 पर 5:15 PM
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गोल्डमैन सैक्स को निवेश के नजरिए से मिडटर्म थीम्स ज्यादा पसंद हैं जिनमें आवास, कृषि, डिफेंस, पर्यटन और समृद्ध भारत शामिल हैं

एक हालिया नोट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स का मानना ​​है कि निफ्टी 50 इंडेक्स 2025 के अंत तक 27,000 का लेवल छू सकता है। ब्रोकरेज का कहना है कि बाजार के निकट अवधि में सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है। अगले तीन महीनों में यह सपाट ही रहेगा। लेकिन ग्रोथ के रफ्तार पकड़ने के साथ इस अवधि में निफ्टी में कुछ रिकवरी आएगी और इस रिकवरी में निफ्टी 24,000 के स्तर तक जाता दिखेगा। वर्तमान में,बाजारों को बाहरी प्रतिरक्षा प्राप्त है। हालांकि, घरेलू ग्रोथ में चक्रीय मंदी है। इसलिए, महंगे वैल्यूएशन के साथ कमजोर आय के कारण बाजार सीमित दायरे में ही रहेंगे।

ब्रोकरेज ने कहा कि वह भारतीय बाजार 'टैक्टिकली न्यूट्रल' है। गोल्डमैन सैक्स को निवेश के नजरिए से मिडटर्म थीम्स ज्यादा पसंद हैं जिनमें आवास, कृषि, डिफेंस, पर्यटन और समृद्ध भारत शामिल हैं। इसका कहना है कि 2024 में MSCI इंडिया अर्निंग ग्रोथ 12 फीसदी रहना संभव है। गोल्डमैन सैक्स का यह भी कहना है कि 2025 में MSCI इंडिया अर्निंग ग्रोथ 13 फीसदी पर रहना संभव है। वहीं, 2026 में MSCI इंडिया अर्निंग ग्रोथ 16 फीसदी रह सकती है।

गोल्डमैन सैक्स का निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए 3 महीने का लक्ष्य 24,000 का है। वहीं, इसके लिए 12 महीने का लक्ष्य 27,000 का है। वित्त वर्ष 2026 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.3 फीसदी का है। गोल्डमैन सैक्स एक्सपोर्ट थीम पर पॉजिटिव है। मांग में सुधार को देखते हुए इसने इन्फोटेक सेक्टर को 'ओवरवेट' तथा फार्मा सेक्टर को 'मार्केट-वेट' की कटेगरी में रखा है। ब्रोकरेज का कहना है कि इन सेक्टरों को कमजोर रुपये और डिफेंसिव कटेगरी में होने का फायदा मिलेगा जिसके इनके ईपीएस में बढ़त होने की संभावना है।


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वर्तमान परिस्थितियों में गोल्डमैन सैक्स के लिए क्वालिटी के चार मानक हैं। ये हैं मजबूत बैलेंस शीट,आय में बढ़त की संभावना, पॉजिटिव ईपीएस रिवीजन और लो बीटी स्टॉक। इसका मतलब है कि उन शेयरों पर ही दांव लगाएं की बैलेंस शीट मजबूत है, जिनकी आय में ग्रोथ की अच्छी संभावना हो, जिनको ईपीएस में बढ़त की उम्मीद हो और जो लो बीटा कटेगरी में आते हों।

इससे पहले आज, ग्लोबल ब्रोकिंग फर्म सिटी ने भी कहा था कि सितंबर 2025 तक निफ्टी 25,000 पर जाता दिखेगा जो वर्तमान स्तरों से लगभग 7 फीसदी की बढ़त दर्शाता है। बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स में अपने ऑलटाइम हाई से 10 फीसदी के करेक्शन के बाद सिटी ने तर्क दिया है कि इंडेक्स का वैल्यूएशन अब सही है।

 

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