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HDFC Bank के शेयर की कीमत एक दिन में घटकर आधी रह गई, क्या शेयर 50% क्रैश कर गया?

एचडीएफसी बैंक का शेयर 25 अगस्त के क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 50 फीसदी कम प्राइस पर बंद हुआ। इसकी वजह बैंक के शेयरों में गिरावट नहीं बल्कि बोनस इश्यू का एडजस्टेमेंट है। बोनस इश्यू की वजह से शेयर प्राइस एडजस्टमेंट तय तारीख से एक दिन पहले हुआ

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 4:47 PM
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DFC Bank ने 19 जुलाई को बोनस शेयर देने का ऐलान किया था। उसने इसके लिए 27 अगस्त रिकॉर्ड डेट तय की थी।

एचडीएफसी बैंक का शेयर 26 अगस्त को 972 रुपये पर बंद हुआ। यह 25 अगस्त को शेयर के 1,964 रुपये के क्लोजिंग प्राइस से करीब 50 फीसदी कम है। तो क्या एचडीएफसी बैंक का शेयर एक सेशन में 50 फीसदी गिर गया? इसका जवाब है नहीं। दरअसल, एचडीएफसी बैंक ने बोनस शेयर दिया है। निवेशकों को हर एक शेयर पर 1 बोनस शेयर मिला है। बोनस शेयर को एडजस्ट करने के बाद शेयर की कीमत आधी रह गई है।

19 जुलाई को बोनस शेयर देने का ऐलान

HDFC Bank ने 19 जुलाई को बोनस शेयर देने का ऐलान किया था। उसने इसके लिए 27 अगस्त रिकॉर्ड डेट तय की थी। रिकॉर्ड डेट से यह तय होता है कि कोई इनवेस्टर बोनस शेयर का हकदार होगा या नहीं। रिकॉर्ड डेट को जिस इनवेस्टर के पास एचडीएफसी बैंक का शेयर होगा, उसे हर एक शेयर पर एक बोनस शेयर मिलेगा। चूंकि स्टॉक मार्केट 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी को बंद रहेगा, जिससे स्टॉक एडजस्टमेंट एक दिन पहले यानी 26 अगस्त को हो गया है।


बोनस इश्यू से मार्केट कैपिटलाइजेशन में बदलाव नहीं

बोनस शेयर इश्यू होने के बाद किसी कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन, कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन में कोई बदलाव नहीं होता है। बोनस इश्यू के बाद शेयरों में लिक्विडिटी बढ़ जाती है। शेयर की कीमत आधी रह जाती है। यहीं वजह है कि 26 अगस्त को एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत बोनस शेयर के एडजस्टमेंट के बाद घटकर आधी रह गई। कंपनी अपने रिजर्व से शेयरहोल्डर को बोनस शेयर एलॉट करती है। यह शेयरहोल्डर के लिए फ्री होता है।

शेयरहोल्डर्स को 5 रुपये का स्पेशल डिविडेंड भी

बोनस इश्यू से किसी कंपनी की मजबूत स्थिति और ग्रोथ की संभावनाओं का संकेत मिलता है। अगर 26 अगस्त को एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत में बदलाव को देखा जाए तो यह 1 फीसदी गिरा। अभी इस शेयर का पी/ई रेशियो 41 से ऊपर है। एचडीएफसी बैंक ने बोनस शेयर के साथ प्रति शेयर 5 रुपये के स्पेशल अंतरिम डिविडेंड का भी ऐलान किया था। यह इंडिया का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। एचडीएफसी के विलय के बाद यह सबसे बड़ा प्राइवेट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन भी बन गया है।

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जून तिमाही में घटा है कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट

एचडीएफसी बैंक ने 19 जुलाई को जून तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक के कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में गिरावट आई। यह एक साल पहले की समान अवधि में 16,475 करोड़ रुपये से घटकर 16,258 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, अपनी सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ से एचडीएफसी बैंक को 9,128 करोड़ रुपये का वन-टाइम प्री-टैक्स गेन हुआ था। जून तिमाही में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 5.4 फीसदी बढ़कर 31,438 करोड़ रुपये रही। बैंक के प्रॉफिट में कमी की वजह 14,442 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग है।

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