हिंडनबर्ग ने SEBI पर बोला हमला, कहा- अदाणी मामले में बस ₹34 करोड़ का हुआ मुनाफा

Adani Hindenburg Case: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने मंगलवार 2 जून को जारी एक बयान में भारतीय मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की आलोचना की। हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने पिछले साल अपनी एक रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ कथित फ्रॉड के जो मामले बताए थे, सेबी उन पर कार्रवाई करने में विफल रही

अपडेटेड Jul 02, 2024 पर 4:48 PM
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Adani Hindenburg news: हिंडनबर्ग ने कहा कि उसे Adani Group मामले में सिर्फ ₹34 करोड़ का मुनाफा हुआ

Adani Hindenburg Case: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने मंगलवार 2 जुलाई को जारी एक बयान में भारतीय मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की आलोचना की। हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने पिछले साल अपनी एक रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ कथित फ्रॉड के जो मामले बताए थे, सेबी उन पर कार्रवाई करने में विफल रही। साथ ही उसने कहा कि उसे इस पूरे मामले में अदाणी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट करके महज 4 मिलियन डॉलर (करीब 34 करोड़ रुपये) का मुनाफा हुआ। हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और उसकी वैल्यूएशन एक समय 150 अरब डॉलर तक घट गया था।

हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि "सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ऐसे लोगों को पकड़ने में अधिक दिलचस्पी रखता है, जो इस तरह के मामलों को उजागर करते हैं।" जबकि दूसरी ओर अरबपति गौतम अडानी के साम्राज्य के खिलाफ इसकी जांच लगभग बंद हो गई है।

हिंडनबर्ग को SEBI ने 27 जून को एक कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया है कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ जनवरी 2023 में जारी उसकी रिपोर्ट में कुछ गलत बयानी और गलत तथ्य शामिल थे जो पाठकों को गुमराह करने के लिए थे।


हिंडनबर्ग ने कहा कि उसके अदाणी ग्रुप के शेयरों को अपने एक 'इनवेस्टर पार्टनर' के जरिए शॉर्ट किया था, जिससे उसे 41 लाख डॉलर (करीब 32 करोड़ रुपये) का लाभ हुआ है। हालांकि उसने बयान में अपने 'इनवेस्टर पार्टनर' का नाम नहीं बताया। हिंडनबर्ग ने कहा कि इसके अलावा उसने अदाणी के अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड बॉन्ड्स को भी शॉर्ट किया था, जिससे उसे 31,000 डॉलर (करीब 26 लाख रुपये) का मामूली लाभ हुआ।

बता दें कि हिंडनबर्ग ने साल 24 जनवरी 2023 को अदाणी ग्रुप को लेकर एख रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट दुराचार का आरोप लगाया था और इसे "कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला" बताया था। हालांकि अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया। हालांकि इसके बावजूद इस रिपोर्ट के बाद उसकी कंपनियों की मार्केट वैल्यूएशन में 150 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी। अदाणी ग्रुप ने शेयरों में अब इस नुकसान की भरपाई कर ली है।

हिंडनबर्ग ने बयान में कहा, “SEBI ने अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर दिया है, ऐसा लगता है कि वह धोखाधड़ी करने वालों को बचाने के बजाय इसके शिकार हो रहे निवेशकों को बचाने के लिए ज्यादा काम कर रहा है।”

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