निम्न ब्याज दर के युग के अंत, नरम मौद्रिक नीति के अभाव, लगातार बने हुए जियोपॉलिटिकल तनाव और दुनिया भर में बढ़ती महंगाई जैसी चुनौतियों के बीच इक्विटी बाजार अपने लिए जगह तलाशता नजर आ रहा है। इस उतार-चढ़ाव भरे इस माहौल में अगले 3-6 महीनों में बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में बाजार इस दौर में वौलेटाइल बना रहेगा। यह बातें Centrum Wealth के देवांग मेहता ने मनीकंट्रोल से हुई एक बातचीत में कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि ऊंची महंगाई दर और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के इस दौर में हमें चुनिंदा स्टॉक्स में निवेश करने की रणनीति पर कायम रहना चाहिए। हमें ऐसी कंपनियों पर दांव लगाना चाहिए जिनकी कारोबारी संभावनाएं मजबूत हों और जिनकी प्राइसिंग पावर अच्छी हो। जब आप फंडामेंटल तौर पर मजबूत कंपनी में निवेश करते हैं और धैर्य और अनुशासन के साथ उसमें बने रहते हैं तो देर सवेर सफलता मिलनी पक्की होती है।
उन्होंने आगे कहा कि बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए केंद्रीय बैंकों के पास ब्याज दरों को बढ़ाना एक अकेला तरीका है। इससे वे अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को कम कर सकते हैं। हालांकि कमोडिटी और कच्चे तेल की कीमतों मे अच्छी खासी गिरावट के साथ ही आने वाले महीनों में महंगाई में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अलावा सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें भी काफी कम होती नजर आ रही हैं जिससे आगे महंगाई में और कमी आ सकती है। इधर काफी लंबे समय के बाद हमें जुलाई महीने में भारतीय बाजारों से विदेशी पैसे की निकासी धीमी पड़ती दिखी है। ये बाजार के लिए अच्छे संकेत हैं।
इंडेक्स पर नजर डालें तो 2022 में इनमें लगभग डबल डिजिट गिरावट देखने को मिली है लेकिन शेयरों की चाल पर नजर डालें तो यह गिरावट ज्यादा रही है। आप पक्के तौर पर बाजार के बॉटम आउट होने का अंदाजा नहीं लगा सकते। ऐसे में बाजार में अब धीरे-धीरे खरीदारी करना सही रणनीति होगी।
पावर सेक्टर से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पावर सेक्टर ने कभी भी निवेशकों को लगातार अच्छी कमाई नहीं कराई है। ऐसे में इस सेक्टर में खरीदारी करने की जगह चुनिंदा कैपिटल गुड्स कंपनियों में निवेश की सलाह होगी। इनके ऑर्डर बुक और प्रदर्शन में हाल के दिनों में अच्छी मजबूती देखने को मिली है। इसके अलावा अब हमें सरकारी और निजी दोनों तरह के निवेश आने की संभावना नजर आ रही है। ऐसे में कैपेक्स आधारित बैंकों को आगे फायदा होता नजर आ सकता है। इनके वैल्यूएशन भी इस समय काफी अच्छे नजर आ रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि आईटी स्टॉक में भारी गिरावट के बाद अब खरीदारी के मौके हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए देवांग मेहता ने कहा कि हालांकि विकसित बाजारों में ग्रोथ धीमी पड़ने के कारण आईटी कंपनियों पर असर पड़ सकता है लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से इनको सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा अब तक आए आईटी कंपनियों के नतीजों के दौरान आए मैनेजमेंट की कमेंट्री से भी उम्मीद बनती है। उन्होंने आगे कहा कि आईटी कंपनियों में अब तक काफी करेक्शन आ चुका है। ऐसे में अधिकांश लॉर्जकैप आईटी कंपनियां और कुछ मिडकैप आईटी कंपनियां वैल्यूएशन के लिहाज से काफी अच्छी नजर आ रही हैं। अब निश्चित तौर पर चुनिंदा आईटी कंपनियां पर दांव लगाने की सलाह होगी।
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