BPCL को बेचने में सरकार नाकाम रही है। अब सरकार कंपनियों के एसेट मोनेटाइजेशन पर खास जोर दे रही है। सीएनबीसी आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को कैबिनेट सचिव की अगुवाई में 12 मंत्रालयों की अहम बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि सरकार विनिवेश की धीमी रफ्तार की भरपाई एसेट मोनेटाइजेशन से करने की तैयारी में दिख रही है।
सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने एक्स्क्लूसिव सूत्रों के आधार पर कहा कि सरकार की बीपीसीएल के विनिवेश की महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते डाल दी गई है। यानी कि सरकार ने इसे बेचने की योजना फिलहाल टाल दी है। इस सिलसिले में सरकार द्वारा 12 मंत्रालयों के साथ बैठक की जायेगी जिसकी अध्यक्षता स्वयं कैबिनेट सचिव करेंगे। इसमें कंपनियों की संपत्ति के मोनेटाइजेशन पर खास जोर दिया जा सकता है।
इसमें 12 मंत्रालयों के तहत आने वाली कंपनियों के एसेट को कैसे मोनेटाइज करना है इस पर विचार किया जा सकता है। इस मुद्दे पर उनके विचार और सुझाव मंगाये जा सकते हैं। सरकार द्वारा एसेट मोनेटाइजेशन को फास्ट ट्रैक पर लाया जायेगा। जिन कंपनियों के मोनेटाइजेशन इस समय पाइप लाइन में उन्हें कैसे फास्ट ट्रैक पर लाया जाये या उनके मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया को कैसे तेज किया जाये इस पर चर्चा होगी।
लक्ष्मण ने आगे कहा कि सरकार पेट्रोलियम, शिपिंग के एसेट मोनेटाइजेशन पर जोर देने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए रेलवे, सिविल एविएशन, कोल सेक्टर पर भी रणनीति बनाई जायेगी। वहीं शुक्रवार को होने वाली 12 मंत्रालयों की बैठक में पावर, टूरिज्म, फूड, टेलीकॉम पर खास फोकस रह सकता है।
कुल मिलाकर पेट्रोलियम, शिपिंग, रेलवे, सिविल एविएशन, कोल सेक्टर, पावर, टूरिज्म, फूड और टेलीकॉम जैसे सेक्टर के तहत आने वाली कंपनियों के एसेट मोनेटाइजेशन पर चर्चा होगी। इसमें पिछले साल के अनुभव के आधार पर नए साल के लिए रणनीति बनाई जायेगी।
लक्ष्मण ने कहा आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते साल सरकार ने 88000 करोड़ रुपये का मोनेटाइजेशन का लक्ष्य रखा था जिसमें सरकार 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के करीब पहुंच रही है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि विनिवेश की तुलना में सरकार की मोनेटाइजेशन की रणनीति ज्यादा सफल रही है।
लक्ष्मण ने आगे कहा कि इस साल यानी इस महीने से शुरू हुआ नये वित्तीय वर्ष में सरकार ने मोनेटाइजेशन के जरिये 162000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है ताकि सरकार को विनिवेश के चलते जो असफलता मिली है उसकी भरपाई एसेट मोनेटाइजेशन से की जा सके।