भारत में कैपेक्स साइकिल एक बार फिर तेजी में आता नजर आ रहा है। निवेशकों को एक बार फिर वर्तमान वित्त वर्ष में इंफ्रा और कैपिटल गुड्स सेक्टर में अच्छी ग्रोथ और इसके मार्जिन में सुधार की उम्मीद नजर आ रही है। वहीं जानकारों का मानना है कि ग्रोथ हासिल करने में बहुत बड़ी मुश्किल नहीं होगी लेकिन मार्जिन के मोर्चे को जीतना उतना आसान नहीं होगा।
इंफ्रा कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों ने निवेशकों को निराश तो नहीं किया लेकिन इसने बहुत खुशी भी नहीं दी। बीएसई 500 में शामिल इंफ्रा कंपनियों में सालाना आधार पर 66 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है। इंजीनियरिंग दिग्गज Larsen & Toubro (L&T) के रेवेन्यू में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है। कंपनी को इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और पावर इन तीनों सेक्टरों में आई मजबूती का फायदा मिला है। चौथी तिमाही में इसकी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की गति में भी सुधार आया है। लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों के समाप्त होने और श्रमिकों की आसान उपलब्धता का कंपनी को फायदा मिला है। चौथी तिमाही में L&T की ऑर्डर बुक 3.6 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाईम हाई पर रही है। लेकिन इस अवधि में नए ऑर्डर मिलने की दर में गिरावट देखने को मिली है।
Emkay Global Financial Services का कहना है कि चौथी तिमाही में इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के कुल आय ग्रोथ में सालाना आधार पर 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है जबकि तिमाही आधार पर इसमें 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
चौथी तिमाही में कैपिटल गुड्स कंपनियां का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस अच्छा रहा। इस अवधि में कैपिटल गुड्स कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर 26.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि आय में 9 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। Cummins India Ltd, Bharat Electronics Ltd, ABB India Ltd और Siemens जैसी कंपनियों के रेवेन्यू और ऑर्डर इनफ्लो में मजबूती देखने को मिली है। हालांकि इस दौरान कमोडिटी की कीमतों में बढ़त के चलते इन कंपनियों के मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है।
IIFL Securities ने अपने एक नोट में कहा है कि कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी, सेमी कंडक्टर की शॉर्टेज और SCM में वौलैटिलिटी शॉर्ट टर्म में कैपिटल गुड्स कंपनियों के लिए चुनौती बनी रहेगी लेकिन जिन कंपनियों ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से प्लानिंग कर रखी है और जिनकी बैलेंसशीट मजबूत है वे निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
एनालिस्टों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 इंफ्रा और कैपिटल गुड्स सेक्टर के लिए अच्छा रहेगा। वित्त वर्ष 2023 में हमें काफी बड़े-बड़े टेंडर खुलते दिखेंगे। जिसका फायदा इन कंपनियों को मिलेगा। बता दें कि एलएंडटी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए नए ऑर्डर मिलने की दर में 12-15 फीसदी के ग्रोथ का गाइडेंस दिया है जो निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है। एनालिस्ट का मनना है कि इन्वेस्टमेंट साइकिल में आ रही तेजी और सरकार द्वारा इंफ्रा पर किए जा रहे फोकस के चलते आगे इंफ्रा सेक्टर को फायदा मिलता दिखेगा।
इसके बावजूद एनालिस्ट का ये भी कहना है कि कैपिटल गुड्स के अंडरपरफॉर्मेंस के बावजूद इनका वैल्यूएशन अभी भी सस्ता नहीं है। बता दें कि 2022 में अब तक बीएसई का कैपिटल गुड्स इंडेक्स 6.8 फीसदी गिर चुका है जबकि सेंसेक्स में 5.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
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