Prabhudas Lilladher के विक्रम कसाट का कहना है कि भारत एक शुगर सरप्लस कंट्री है और सरकार द्वारा ईंधन में एथेनॉल ब्लेडिंग पर फोकस इस सेक्टर के लिए बड़ा ग्रोथ ड्राइवर है। इसके अलावा शुगर सेक्टर को काफी बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर भी मिले है जिसके हाल के दिनों में शुगर शेयर जोश में भी नजर आए है। लगभग हर कंपनी ने सरकार की एथेनॉल नीति से प्रभावित होकर अपनी क्षमता विस्तार योजना बनाई है। इस बीच रूस-यूक्रेन के लड़ाई के कारण शुगर स्टॉक को जबरदस्त सपोर्ट मिला है क्योंकि भारत इस लड़ाई के चलते पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया को शुगर सप्लाई करने वाला बड़ा देश बनकर उभरा है। क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त के चलते ब्राजील में गन्ने का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में एथेनॉल बनाने के लिए किया जा रहा है जिससे भारत के शुगर एक्सपोर्ट को बल मिल रहा है। इसके अलावा माल भाड़े में भारी उतार-चढ़ाव की वजह से खाड़ी क्षेत्र के देशों के लिए भारत शुगर आपूर्ति के लिए ज्यादा आर्कषक हो गया है। क्योंकि भारतीय कॉर्गो शिप 1 हफ्ते से 10 दिन की छोटी अवधि में भी इन देशों तक पहुंच सकते है।