इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (International Monetary Fund(IMF) ने अमेरिकी आर्थिक विकास के अपने पूर्वानुमान को घटा दिया है। इसका कारण ये है कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की आक्रामक ब्याज दर ने डिमांड को कम कर दिया है। इसके साथ ये भविष्यवाणी भी की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) के मंदी से बचने की कोशिशें कमजोर होती जा रही हैं।
अमेरिकी आर्थिक नीतियों के वार्षिक मूल्यांकन में आईएमएफ ने कहा कि अब उसे 2022 में अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (US Gross Domestic Product) के 2.9 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। इसका ये अनुमान अप्रैल में इसके सबसे हालिया पूर्वानुमान 3.7 प्रतिशत से कम है।
IMF ने 2023 के लिए अमेरिकी ग्रोथ के अपने अनुमान को 2.3 प्रतिशत से घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया। अब 2024 में विकास दर 0.8 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है।
पिछले अक्टूबर में आईएमएफ ने इस साल 5.2 प्रतिशत अमेरिकी ग्रोथ की भविष्यवाणी की थी। लेकिन तब से नए कोविड -19 वेरिएंट और डिमांड चैन में आये हुए व्यवधान से रिकवरी धीमी हो गई है। दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस के युद्ध के चलते फ्यूल और फूड कीमतों में तेज वृद्धि ने महंगाई को और बढ़ा दिया है और महंगाई 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक Kristalina Georgieva ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम जानते हैं कि अमेरिका में मंदी से बचने का रास्ता और मुश्किल होता जा रहा है।"
"हमारी अर्थव्यवस्था महामारी से उबर रही है। लेकिन यूक्रेन में रूसी आक्रमण और चीन में लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को झटके लग रहे हैं।" उन्होंने कहा " इसके आगे और नकारात्मक झटके से स्थिति को और कठिन बना देंगे।"
आईएमएफ के डिप्टी डायरेक्टर Nigel Chalk ने कहा कि यदि इस झटके से संयुक्त राज्य अमेरिका में मंदी आ सकती है। लेकिन बेरोजगारी में मामूली वृद्धि के साथ ये मंदी थोड़े समय के लिए और हल्की होगी। ये मंदी 2001 में अमेरिकी मंदी के समान होगी। वहीं मजबूत अमेरिकी बचत से डिमांड को सपोर्ट मिलेगा।
यूएस ट्रेजरी के प्रवक्ता Michael Kikukawa ने कहा कि आईएमएफ के बयान से पता चलता है कि बिडेन प्रशासन की आर्थिक नीतियों के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था "मजबूती से" वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही थी।