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घरेलू डिमांड में तेजी और सामान्य मानसून से मिल सकता है सपोर्ट, ट्रंप टैरिफ का नहीं होगा कोई बड़ा असर : PL कैपिटल

PL कैपिटल को उम्मीद है कि निकट भविष्य में बाजार अस्थिर रहेंगे, लेकिन 2025 की चौथी तिमाही के अंत तक बाजार में स्थिरता आ जाएगी। विभिन्न सरकारी पहलों और समान्य मानसून का प्रभाव 2026 की दूसरी तिमाही में बेहतर उपभोक्ता मांग के रूप में दिखाई देने लगेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 26, 2025 पर 10:53 AM
घरेलू डिमांड में तेजी और सामान्य मानसून से मिल सकता है सपोर्ट, ट्रंप टैरिफ का नहीं होगा कोई बड़ा असर : PL कैपिटल
PL कैपिटल का मानना है कि भारत को अमेरिकी टैरिफ नीतियों से कोई भी बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं है,क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी, भू-राजनीतिक उठापटक और भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में बढ़त ट्रम्प टैरिफ को नुकसानों को बेअसर कर देगी

देश की जाने-माने ब्रोकरेज PL कैपिटल - प्रभुदास लीलाधर ने अपनी हिलिया रिपोर्ट में कहा है कि देश में घरेलू खपत रिकवरी के कगार पर है। इस साल मानसून भी सामान्य रह सकता है। इससे इकोनॉमी में डिमांड और खपत बढ़ती दिख सकती है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि शॉर्ट टर्म में बाजार में उठापटक जारी रहेगी। लेकिन वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के अंत तक बाजार में स्थिरता लौट आएगी। इसके अलावा सरकारी कैपेक्स में बढ़ोतरी, बजट में टैक्स में की गई कटौती और उपभोक्ताओं की तरफ से मांग में आ रही तेजी को देखते हुए लगता है कि एफपीआई निवेश में भी बढ़त देखने को मिल सकती है। बता दें कि इस समय एफपीआई की तरफ से हो रही बिकवाली बाजार के लिए बहुत बड़ी चिंता बनी हुई है। प्रभुदास लीलाधर ने अपनी इस रिपोर्ट में निफ्टी का 12 महीने का टारगेट 25,689 का दिया है।

इस समय बाजार के लिए नजर आ रही सबसे बड़ी चिंता एफपीआई निवेश में भी उच्च पूंजीगत व्यय, करों में कटौती और उपभोक्ता मांग में सुधार के कारण बढ़त देखने को मिल सकती है। अंत में, निफ्टी का 12 महीने का लक्ष्य 25,689 पर नजर आ रहा है।

खपत में तेजी लौटने के संकेत

PL कैपिटल को घरेलू मांग में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है उसका कहना है कि खाने-पीने की चीजों की महंगाई में नरमी आ रही है (अक्टूबर 2024 के 10.9% से घटकर वर्तमान में 6% हो गई है)। RBI और OMO द्वारा रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती से अगले 3-6 महीनों में सिस्टम में नकदी बढ़ेगी। भारत में उपभोक्ता वर्ग के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की आयकर कटौती से सपोर्ट मिलेगा। धार्मिक पर्यटन में बढ़त से भी बाजार को बल मिलेगा।

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