Morgan Stanley का भारत पर भरोसा बरकरार, इन देशों को किया डाउनग्रेड

वैश्विक ब्रोकरेज मॉर्गन स्टैनले (Morgan Stanley) के प्रमुख (एमर्जिंग मार्केट्स) जोनाखन गार्नर के मुताबिक इन सबके बीच अभी भी उभरते बाजारों में मॉर्गन स्टैनले की पसंद भारत बनी हुई है। मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारत का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा है और आगे भी बेहतर रहने के आसार हैं। जानिए उनके इस पॉजिटिव रुझान की क्या वजह है और बाकी देशों को लेकर क्या मानना है?

अपडेटेड Oct 19, 2023 पर 3:41 PM
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मॉर्गन स्टैनले की रिपोर्ट में सिंगापुर और पोलैंड को अपग्रेड कर ओवरवेट मार्केट में रखा गया है।

कमाई को लेकर अनुमान में बदलाव का विकासशील देशों के शेयरों पर दबाव बना हुआ है और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। इस बीच वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव बढ़ा है और 10 साल की अवधि वाले अमेरिकी बॉन्ड की वास्तविक यील्ड 2007 के पहले के लेवल पर पहुंच गई जिससे वैल्यूएशन बिगड़ गया है। वैश्विक ब्रोकरेज मॉर्गन स्टैनले (Morgan Stanley) के प्रमुख (एमर्जिंग मार्केट्स) जोनाथन गार्नर के मुताबिक इन सबके बीच अभी भी उभरते बाजारों में मॉर्गन स्टैनले की पसंद भारत बनी हुई है। मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारत का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा है और आगे भी बेहतर रहने के आसार हैं।

भारत का प्रदर्शन लगातार बेहतर

गार्नर के मुताबिक भारत लगातार बेहतर कर रहा है। 2021 के शुरुआती महीनों से लेकर अक्टूबर 2022 तक डॉलर के टर्म में इसका परफॉर्मेंस MSCI एमर्जिंग मार्केट्स से 45.5 फीसदी अधिक रहा। गार्नर का मानना है कि आगे भी ऐसे ही आउटपरफॉर्मेंस के आसार दिख रहे हैं। घरेलू स्तर पर निवेश बढ़ रहा है और एफडीआई और पोर्टफोलियो फ्लो भारत की तरफ तेजी से हो रहा है। इसके अलावा पहले जो चिंता हाई इनफ्लेशन को लेकर थी, वह सितंबर के महंगाई के आंकड़े से ढीली पड़ी है। सितंबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 5 फीसदी और कोर CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) सुस्त होकर 4.6 फीसदी पर आ गया है। इस महीने अक्टूबर में इसके 5 फीसदी से नीचे आने का अनुमान है।


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बाकी विकासशील देशों की ऐसी है स्थिति

मॉर्गन स्टैनले की रिपोर्ट में सिंगापुर और पोलैंड को अपग्रेड कर ओवरवेट मार्केट में रखा गया है। आमतौर पर बियर मार्केट में सिंगापुर डिफेंसिव हो जाता है और इस समय यहां मजबूत कमाई और प्रॉफिटेबिलिटी का रुझान दिख रहा है। पोलैंड की बात करें तो चुनाव के बाद यहां विपक्षी गठबंधन सरकार के आसार दिख रहे हैं और यह पॉजिटिव संकेत है। इसकी वजह ये है कि इससे यूरोपीय यूनियन फंड्स से पैसों का प्रभाव बढ़ेगा और बैंकों पर बोझ भी कम होगा।

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वहीं दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया और यूएई को डाउनग्रेड कर इक्वल वेट कर दिया है। दक्षिण कोरिया को 2024 में सेमी-साइकिल रिकवरी का फायदा मिल सकता है लेकिन लगातार व्यापक आर्थिक चिंताओं के कारण नियर टर्म में पर्याप्त रेटिंग बढ़ाने की संभावना नहीं बन रही है। बैंक ऑफ कोरिया के सख्त रूझान, हाई हाउसहोल्ड लीवरेज और एनर्जी ट्रेड डेफेसिट बढ़ने के चलते घरेलू स्तर पर महंगाई दर बढ़ सकती है और मार्जिन से जुड़ी चुनौतियां आ सकती हैं। वहीं यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) की बात करें तो यहां कंपनियों की स्थिति बेहतर है लेकिन खाड़ी के बाकी देशों की तुलना में यहां भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और हायर साइक्लिटी के चलते इसकी रेटिंग डाउनग्रेड हुई है।

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First Published: Oct 19, 2023 3:41 PM

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