नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट (Interim Budget 2024), कोई बड़ा सरप्राइज देने वाला नहीं रहा। सरकार की ओर से बजट 2024 में कोई बेहद बड़ी घोषणा नहीं की गई। इस साल आम चुनाव होने के चलते ऐसे बजट की उम्मीद पहले से की जा रही थी। हालांकि अंतरिम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) को लगातार चौथे वर्ष बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया। इसके अलावा सोलर एनर्जी, रेलवे, ईवी इकोसिस्टम, डिफेंस और पर्यटन सहित अन्य पहलों को लेकर कई घोषणाएं हुईं।
अंतरिम बजट पेश होने के बाद दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा का कहना है कि यह शेयर बाजार संचालित सरकार है। अंतरिम बजट 2024 वर्तमान में प्रचलित पॉलिसीज की एक निरंतरता था। बाजार ने चुनावी बजट पर व्यापक प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि महत्वपूर्ण घोषणाओं पर पहले ही विचार हो चुका है। शर्मा ने मनीकंट्रोल को बताया, "मुझे नहीं लगता कि बाजार ने पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर किसी भी कमी को ध्यान में रखा है, क्योंकि वित्तीय घाटे का आंकड़ा काफी उच्च है।"
इस खतरनाक गति से जारी नहीं रह सकता कैपेक्स
शर्मा के मुताबिक, 'वित्त वर्ष 2026 में 4.5 प्रतिशत के वित्तीय/राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कैपेक्स को कम करना होगा। कैपेक्स इस खतरनाक गति से जारी नहीं रह सकता। और जब आने वाले वर्षों में पूंजीगत खर्च कम किया जाएगा, तो लार्जकैप को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए मैं कहता हूं कि भारत एक स्मॉलकैप बाजार बना हुआ है।' शर्मा ने जोर दिया कि स्मॉलकैप शेयर निकट भविष्य में आकर्षक निवेश विकल्प बने रहेंगे।
बजट के दिन घोषणाओं का शेयर बाजार पर खास असर नहीं दिखा और बीएसई सेंसेक्स 106.81 अंक गिरकर 71,645 पर और एनएसई निफ्टी 36 अंक गिरकर 21,689 पर बंद हुआ। 2 फरवरी को बाजार में जरूर उछाल देखा जा रहा है। सेंसेक्स ने 1444 अंकों की तेजी के साथ 73,089.40 का हाई छुआ है, वहीं निफ्टी 429.35 अंकों की बढ़त के साथ 22,126.80 तक चला गया है।
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