भारतीय शेयर बाजारों में अस्थिरता मापने वाला India VIX 7 अप्रैल को 65.70 प्रतिशत उछल गया। यह 22.79 पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि कैपिटल मार्केट में अस्थिरता बढ़ गई है। इसके पीछे वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ और चीन के जवाबी एक्शन के बाद ग्लोबल ट्रेड वॉर गहराने का डर है। India VIX का करेंट लेवल अगस्त 2024 के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। 7 अप्रैल का उछाल इंडेक्स के अब तक के सबसे बड़े उछालों में से एक रहा। यह निवेशकों के बीच बढ़ती बेचैनी का संकेत देता है।
India VIX निफ्टी इंडेक्स ऑप्शन प्राइसेज पर बेस्ड अस्थिरता सूचकांक है। यह अगले 30 कैलेंडर दिनों में बाजार में अपेक्षित अस्थिरता का संकेत देता है। इसमें तेजी यह इशारा करती है कि ट्रेडर्स को निकट भविष्य में कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव का अनुमान है। वहीं गिरावट एक शांत बाजार माहौल का संकेत देती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है, "बाजार गहरी अनिश्चितता से प्रेरित अत्यधिक अस्थिरता से गुजर रहे हैं। कोई नहीं जानता कि टैरिफ को लेकर यह उथल-पुथल किस तरह आगे बढ़ेगी, और यही बात वैश्विक स्तर पर निवेशकों को चिंतित कर रही है।"
इससे पहले India VIX में एक दिन में कब दिखी 50 प्रतिशत से ज्यादा तेजी
24 अगस्त, 2015: India VIX एक दिन में 64.36 प्रतिशत उछला
24 अगस्त, 2009: इंडेक्स 65.10 प्रतिशत उछला
22 मई, 2009: India VIX ने 68.63 प्रतिशत की तेजी देखी
सेंसेक्स और 3-3 प्रतिशत टूटकर बंद
सोमवार को बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत के नुकसान के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ। दिन में एक समय यह 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत तक लुढ़क गया था। एनएसई निफ्टी भी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत टूटकर 22,161.60 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 1,160.8 अंक तक लुढ़क गया था। बीएसई में 3,515 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 570 बढ़त में रहे। 140 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
कुल 775 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर, जबकि 59 कंपनियों के शेयर 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर रहे। निफ्टी पर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा 6.75 प्रतिशत निफ्टी मेटल टूटा। उसके बाद निफ्टी रियल्टी रहा, जो लगभग 5.7 प्रतिशत लुढ़का। निफ्टी ऑटो 3.8 प्रतिशत नीचे आया।
गिरावट केवल भारतीय शेयर बाजारों में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर अन्य शेयर बाजारों में भी रही। एशिया के अन्य बाजारों में, हांगकांग का हैंगसेंग 13 प्रतिशत से अधिक गिर गया, जापान का निक्की 225 लगभग 8 प्रतिशत टूटा, शंघाई एसएसई कंपोजिट 7 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 5 प्रतिशत से अधिक नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी भारी बिकवाली का दबाव रहा है और दोपहर के कारोबार में इनमें 6 प्रतिशत तक की गिरावट रही। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को तेज गिरावट आई थी। एसएंडपी-500, 5.97 प्रतिशत नीचे आया, जबकि नैस्डेक कंपोजिट 5.82 प्रतिशत और डाउ जोन्स 5.50 प्रतिशत नुकसान में रहा।
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