इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के शेयर का प्राइस पिछले साल जून में गिरकर 115 रुपये के लेवल पर आ गया था। इसकी वजह कम वॉल्यूम की वजह से ग्रोथ कमजोर रहने की आशंका थी। साथ ही बिजनेस दूसरे एक्सचेजों के पास शिफ्ट होने के आसार थे। कंपनी इन चिंताओं को दूर करने में कामयाब रही है। उसने बिजनेस का डायवर्सिफिकेशन किया है। साथ ही वह ग्रोथ पर फोकस कर रही है। उधर, पावर की ज्यादा डिमांड और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में क्षमता बढ़ने से पावर जेनरेशन मार्केट में मजबूती आई है।