Indias Share in Global Market : ग्लोबल मार्केट-कैप में भारत की हिस्सेदारी 29 महीने के निचले स्तर पर, महंगे वैल्यूशन और रुपए की कमजोरी ने दिया झटका

Indias Share in Global Market : 17 दिसंबर तक BSE में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप लगभग 5.19 लाख करोड़ डॉलर थी। यह दिसंबर 2024 के आखिर के 5.18 लाख करोड़ डॉलर से लगभग 0.5 फीसदी ज़्यादा थी

अपडेटेड Dec 18, 2025 पर 11:23 AM
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इस साल अब तक,भारत के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, ब्रॉडर मार्केट में मिले-जुले रुझान दिखे हैं, जिसमें BSE मिडकैप 0.5 फीसदी बढ़ा है और BSE स्मॉलकैप 9 फीसदी गिरा है

Indias Share in Global Market : विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार हो रही बिकवाली और घरेलू इक्विटी मार्केट के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण, 2025 में अब तक ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में भारत का हिस्सा 29 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। ग्लोबल मार्केट कैप में भारत का शेयर घटकर 3.47 फीसदी हो गया है। जुलाई 2023 में भी यही लेवल देखने को मिला था। जबकि, जुलाई 2024 के अंत में ग्लोबल मार्केट कैप में भारत का हिस्सा 4.64 फीसदी था जो अब तक का सबसे हाई लेवल है। पिछले कुछ महीनों में यह गिरावट तेज़ी से बढ़ी है। दिसंबर 2024 के आखिर में ग्लोबल एम-कैप में भारत का शेयर 4.18 फीसदी था, जबकि सितंबर 2024 के आखिर में यह 4.5 था। बता दें कि सितंबर 2024 के आखिर में बेंचमार्क इंडेक्स अपने पीक पर थे।

17 दिसंबर तक BSE में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप लगभग 5.19 लाख करोड़ डॉलर था। यह दिसंबर 2024 के आखिर में दर्ज किए गए 5.18 लाख करोड़ डॉलर से लगभग 0.5 फीसदी ज़्यादा था और सितंबर 2024 के आखिर में रिकॉर्ड किए गए अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 5.66 लाख करोड़ डॉलर से लगभग 9 फीसदी कम था।

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2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने सेकेंडरी मार्केट में 2.56 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के इक्विटी शेयर बेचे हैं। इसकी वजह महंगे वैल्यूएशन, कमजोर अर्निंग, रुपए की कमजोरी और ग्लोबल दिक्कतें रही हैं। घरेलू करेंसी की लगातार गिरावट ने भी सेंटीमेंट पर खरा असर पड़ा है। रुपया 91 रुपये प्रति डॉलर को पार कर गया है और 92 रुपये प्रति डॉलर के करीब पहुंचता दिख रहा है। ट्रेड डील पर कोई प्रोग्रेस न होने से करेंसी मार्केट की परेशानी बढ़ी है।

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अब तक, भारत के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, ब्रॉडर मार्केट में मिले-जुले रुझान दिखे हैं, जिसमें BSE मिडकैप 0.5 फीसदी बढ़ा है और BSE स्मॉलकैप 9 फीसदी गिरा है।

इसके विपरीत, ग्लोबल इक्विटी मार्केट कैप लगातार बढ़ा है और 147.58 लाख करोड़ डॉलर के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया है। यह दिसंबर 2024 के आखिर के 123.61 लाख करोड़ डॉलर से 19.4 फीसदी ज़्यादा है।

 

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दुनिया के दूसरे बड़े बाजारों पर एक नजर

बड़े बाजारों की बात करें तो US का ग्लोबल मार्केट कैप में हिस्सा 2025 में अब तक घटकर 48 प्रतिशत हो गया है, जो फरवरी की शुरुआत के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 50.8 प्रतिशत और साल की शुरुआत के लगभग 50 प्रतिशत से कम है। इसके उलट, चीन का हिस्सा साल की शुरुआत में 8.1 प्रतिशत से बढ़कर 8.8 प्रतिशत हो गया, जबकि जापान का हिस्सा 5.2 प्रतिशत पर बना रहा।

दूसरे बड़े बाजारों ने ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन शेयर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की है। हॉन्ग कॉन्ग का शेयर 4.51 प्रतिशत से बढ़कर 4.85 प्रतिशत हो गया, कनाडा का 2.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.79 प्रतिशत हो गया और UK का 2.47 प्रतिशत से बढ़कर 2.55 प्रतिशत हो गया। इसी तरह फ्रांस का शेयर 2.37 प्रतिशत से बढ़कर 2.44 प्रतिशत हो गया, ताइवान का 2.01 प्रतिशत से बढ़कर 2.1 प्रतिशत हो गया और जर्मनी का 1.94 प्रतिशत से बढ़कर 2.08 प्रतिशत हो गया।

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