इंडसइंड बैंक की मुश्किल घटने की जगह बढ़ रही है। बैंक ने अकाउंटिंग में एक नए लैप्सेज के बारे में बताया है। सबसे खराब यह है कि इसमें बैंक के सीनियर एंप्लॉयीज होने की बात सामने आई है। बैंक के डेरिवेटिव अकाउंटिंग में लैप्सेज का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नए लैप्सेज की खबर ने न सिर्फ इंडसइंड बैंक के ग्राहकों बल्कि निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इसका असर बैंक की चौथी तिमाही के नतीजों पर देखने को मिला। 18 साल बाद इंडसइंड बैंक लॉस में आ गया। हालांकि, 22 मई को इसका असर बैंक के शेयरों पर नहीं दिखा। कमजोर खुलने के बाद जल्द बैंक के स्टॉक्स रिकवर कर गए। 10:42 बजे शेयर की कीमत 1.15 फीसदी चढ़कर 778.80 रुपये पर चल रही थी।
