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अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले बैंक शेयरों में करें निवेश, ये सेक्टर भी निवेश के लिए बेहतर-Vinay Paharia

बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट ग्रोथ की समस्या है। 2-3 साल में डिपॉजिट ग्रोथ घटी है। हालांकि सेक्टर में 3 साल का आउटलुक रख निवेश किया जा सकता है। डिपॉजिट के साथ क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल बैकिंग सेक्टर में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 07, 2024 पर 12:54 PM
अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले बैंक शेयरों में करें निवेश, ये सेक्टर भी निवेश के लिए बेहतर-Vinay Paharia
मार्केट में रिलेटिव डिस्काउंट मौजूद है। ऐसे में ग्रोथ देने वाली कंपनियों पर फोकस करना चाहिए। वैल्युएशन के हिसाब से भी निवेश करें।

रेगुलेटरी चिंताओं और अमेरिका में मंदी की आशंका से 6 सितंबर को बाजार में 1% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1,017 प्वाइंट गिरकर 81,184 पर और निफ्टी निफ्टी 293 प्वाइंट गिरकर 24,852 पर बंद हुआ। ऐसे में बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड(PGIM India Mutual Fund) के CIO विनय पहाड़िया (Vinay Paharia) ने सीएनबीसी-आवाज से बातचीत में कहा कि उनके फंड में अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में 3 साल का आउटलुक रखे। डिपॉजिट के साथ क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि बैंकिग सेक्टर में शॉर्ट टर्म में परेशानी नजर आ रही है।

उन्होंने कहा कि हमारे पोर्टफोलियो में लार्ज, मिड, स्मॉल कैप मिक्स रणनीति बनाई गई है। डेट, मनी मार्केट में अधिकतम 25% निवेश किया है । इक्विटी और इक्विटी जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में 75% निवेश किया। लार्ज, मिड और स्मॉलकैप में कम से कम 25% निवेश किया है। हमने अपने पोर्टफोलियो में फ्यूचरिस्टिक सोच को लेकर निवेश किया है। कंपनियों की ग्रोथ रेट पर फोकस रखे। कंपनियों के कैश फ्लो, रिटर्न पर नजर है।

बाजार पर राय

विनय पहाड़िया ने आगे कहा कि बाजार 1-1.5 साल से बाजार बहुत बेहतर रहा है । बाजार में बहुत कम करेक्शन हुए है। कई करेक्शन के बाद भी बाजार ने रिकवर किया है। इलेक्शन रिजल्ट पर बाजार को झटका लगा था। बजट के दौरान बाजार को फिर झटका लगा था। जापान में ब्याज दरें बढ़ाने का असर हुआ था। इतने झटकों के बाद भी बाजार संभला रहा है। जबकि कुछ समय से बड़ी कंपनियों का रिटर्न कम रहा । छोटी कंपनियों ने बेहतर रिटर्न दिया। बड़ी कंपनियों ने 25-30% तक अंडरपरफॉर्म किया है।

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