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इजरायल-हमास की लड़ाई पूरी दुनिया के लिए खतरा, इंडिया सहित उभरते बाजारों को होगा ज्यादा नुकसान

9 अक्टूबर को डॉलर में 0.2 फीसदी मजबूती देखने को मिली। एनालिस्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में डॉलर में काफी तेजी दिख सकती है। यह इंडिया जैसे उभरते बाजारों के लिए अच्छा नहीं होगा। उनका निर्यात बिल बढ़ जाएगा। 9 अक्टूबर को डॉलर में 0.2 फीसदी मजबूती देखने को मिली। एनालिस्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में डॉलर में काफी तेजी दिख सकती है। यह इंडिया जैसे उभरते बाजारों के लिए अच्छा नहीं होगा। उनका निर्यात बिल बढ़ जाएगा

अपडेटेड Oct 09, 2023 पर 10:40 PM
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Israel-Hamas War Live: फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के साथ युद्ध लड़ रहे इजराइल ने एक बड़ा फैसला किया है

अगर आप यह सोच रहे हैं कि इंडिया से हजारों मील दूर भड़के युद्ध का असर आप पर नहीं पड़ने वाला है तो आपकी सोच सही नहीं है। मध्य-पूर्व में युद्ध (Israel-Hamas conflict) की जो चिंगारी भड़की है, उसका असर ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स पर पड़ना तय है। खास बात यह है कि ग्लोबल इकोनॉमी पहले ही कई चुनौतियों से जूझ रही है। इनमें हाई इंटरेस्ट रेट्स, हाई इनफ्लेशन और क्रूड की कीमतों में उछाल शामिल हैं। डॉलर में लगातार मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड्स यील्ड में बढ़ते उछाल से इंडिया सहित इमर्जिंग मार्केट्स पहले से ही दबाव में हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर इजरायल-हमास का यह टकराव जल्द काबू में नहीं आता है तो दुनिया भर के स्टॉक और बॉन्ड्स मार्केट्स पर इसका असर दिखेगा।

लड़ाई में कई देशों के शामिल होने की आशंका

अभी तक आई खबरों से पता चलता है कि यह टकराव खतरनाक मोड़ ले रहा है। इस युद्ध के इजरायल और हमास तक सीमित रहने के आसार नहीं दिख रहे हैं। कई देश अप्रत्यक्ष रूप से इस लड़ाई का हिस्सा बनते दिख रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए करीब डेढ़ साल हो चुके हैं। ऐसे में इतनी जल्द एक दूसरे टकराव के ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक नतीजें हो सकते हैं।


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अब तक हजारों लोगों की मौत की खबरें

हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को अचानक इजरायल पर हमला बोल दिया। सदर्न और सेंट्रल इजरायल पर 2,000 से अधिक रॉकेट दागे गए। उसके बाद हमास के लड़ाके गाजा पट्टी के इलाकों में दाखिल हो गए। उन्होंने इजरायाली नागिरकों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में लड़ाकू विमानों से हमास के लड़ाकों को निशाना बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में घायलों का इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि हमास के लड़ाकों ने बड़ी संख्या में इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया है। इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। महिलाओं के साथ ज्यादती की भी खबरें आ रही हैं।

मजबूत डॉलर उभरते बाजारों की मुसीबत बढ़ाएगा

अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 6 अक्टूबर को 4.8 फीसदी पर पहुंच गई। यह अगस्त 2007 के बाद सबसे हाई लेवल है। 30 साल के बॉन्ड की यील्ड भी 5 फीसदी को पार कर गई है। 2007 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। ऐसी स्थिति यूरोपीय देशों में भी देखने को मिली है। अब इजरायल और हमास के बीच लड़ाई को देखते हुए निवेश के सुरक्षित माध्यमों में दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे गोल्ड, बॉन्ड और डॉलर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी। 9 अक्टूबर को डॉलर में 0.2 फीसदी मजबूती देखने को मिली। एनालिस्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में डॉलर में काफी तेजी दिख सकती है। यह इंडिया जैसे उभरते बाजारों के लिए अच्छा नहीं होगा। उनका निर्यात बिल बढ़ जाएगा।

इकोनॉमी और इंडस्ट्री पर भी पड़ेगा असर

Infomerics Ratings के चीफ इकोनॉमिस्ट मनोरंजन शर्मा का मानना है कि अगर इजरायल और मध्य-पूर्व के देशों के बीच टकराव बढ़ता है तो बॉन्ड यील्ड में उछाल जारी रह सकता है। उन्होंने कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच अचानक युद्ध भड़कने के व्यापक परिणाम होंगे। कई भौगोलिक इलाकों, इकोनॉमीज और सेक्टर पर इसका असर दिख सकता है। बॉन्ड और इक्विटी मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव आ सकता है। कंपनियों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। क्रूड की कीमतों में तेजी का असर कई सेक्टर पर पड़ेगा।

सरकारी बॉन्ड की यील्ड 7 फीसदी के पार

इंडिया में 9 अक्टूबर को 10 साल के सरकारी बॉन्ड् की यील्ड 20 BPS बढ़कर 7.3 फीसदी पहुंच गई। डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव बढ़ा है। शेयर बाजार लाल निशान में है। Sensex 360 अंक गिरा है, जबकि निफ्टी 85 अंक नीचे कारोबार कर रहा है। गोल्ड की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। जब कभी जियोपॉलिटिकल रिस्क बढ़ता है तो गोल्ड की चमक बढ़ जाती है।

तेजीमंदी के वीपी (रिसर्च) राज व्यास का मानना है कि जहां तक इंडियन स्टॉक मार्केट्स का सवाल है तो अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लेकिन, यह सच है कि ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स का असर इंडियन मार्केट्स पर पड़ेगा। इंडियन मार्केट्स पर इसके असर के बारे में एक-दो दिन बाद ही पता चलेगा। इस बीच, इस हफ्ते दूसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजे आने शुरू होंगे। इसका भी असर मार्केट्स पर दिखेगा।

अमेरिका ने दिया इजरायल की मदद का भरोसा

इस बीच, अमेरिका इजरायल पर हमले की तीखी आलोचना की है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वह इजरायली सरकार से करीब संपर्क बनाए हुए है। इस बीच, रिपब्लिकंस ने हमास के इस हमले के कुछ महीने पहले 6 अरब डॉलर की ईरानी संपत्ति पर से रोक हटाने के लिए जो बाइडेन की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने रिपब्लिकंस के इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा कोई कदम अमेरिकी सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा है कि यह पैसा अभी खर्च नहीं हुआ है। इसका इस्तेमाल सिर्फ मानवीय जरूरतों को पूरी करने के लिए होगा।

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