ITC Q2 Results: शुद्ध मुनाफा 2% बढ़कर ₹5,180 करोड़ रहा, रेवेन्यू में 2% की गिरावट

ITC Q2 Results: देश की दिग्गज एफएमसीजी और सिगरेट कंपनी आईटीसी लिमिटेड ने गुरुवार 30 अक्टूबर को मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 2% बढ़कर ₹5,180 करोड़ हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 5,078 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था

अपडेटेड Oct 30, 2025 पर 6:04 PM
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ITC Q2 Results: कंपनी ने नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल करने का ऐलान किया है

ITC Q2 Results: देश की दिग्गज एफएमसीजी और सिगरेट कंपनी आईटीसी लिमिटेड ने गुरुवार 30 अक्टूबर को मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 2% बढ़कर ₹5,180 करोड़ हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 5,078 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने बताया कि सिगरेट बिजनेस में बेहतर बिक्री से उसे अपना मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली।

रेवेन्यू में गिरावट

हालांकि, कंपनी का कुल रेवेन्यू सितंबर तिमाही में 2 फीसदी घटकर 19,382 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 19,859 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने कहा कि कुछ गैर-कोर सेगमेंट में मांग में सुस्ती और इनपुट कॉस्ट में उतार-चढ़ाव का असर उसके रेवेन्यू पर पड़ा है।

बोर्ड ने की अहम घोषणाएं


ITC के बोर्ड ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। इसमें कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज (CSE) से स्वैच्छिक डीलिस्टिंग का फैसला शामिल हैं।

कंपनी ने बताया, “बोर्ड ने SEBI (Delisting of Equity Shares) Regulations, 2021 के नियम 5 और 6 के तहत कंपनी के साधारण शेयरों को CSE से स्वैच्छिक रूप से डीलिस्ट करने को मंजूरी दी है।” हालांकि, कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई (BSE) पर सूचीबद्ध रहेंगे, जिससे निवेशकों को देशभर में ट्रेडिंग की सुविधा मिलती रहेगी।

इसके अलावा कंपनी ने पूर्व G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल करने का ऐलान किया है। उन्हें 1 जनवरी 2026 से पांच साल की अवधि के लिए स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति कंपनी के गवर्नेंस और रणनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

सिगरेट बिजनेस बना सहारा

ITC का सिगरेट बिजनेस अब भी कंपनी की रेवेन्यू में सबसे बड़ा योगदान देने वाला बना हुआ है। एनालिस्ट्स के मुताबिक, शहरी बाजारों में स्थिर मांग और प्रीमियम सेगमेंट में अच्छी बिक्री के कारण सिगरेट कारोबार ने कंपनी के निचले स्तर को सहारा दिया। इसके अलावा, FMCG, पेपरबोर्ड और होटल सेगमेंट में भी स्थिर ग्रोथ देखी गई। हालांकि एग्री-बिजनेस में एक्सपोर्ट प्रतिबंधों और घरेलू उतार-चढ़ाव का असर पड़ा।

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