रिलायंस (Reliance) की फाइनेंशियल इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) को सेंसेक्स (Sensex) समेत बीएसई के अन्य इंडेक्स से निकालने का फैसला कुछ दिनों के लिए और टाल दिया है। एसएंडपी डाऊ जोन्स इंडिस का कहना है कि 24 अगस्त और 25 अगस्त को इसके शेयर टूटकर लोअर सर्किट पर आ गए, जिसके चलते इसे इंडेक्स से निकालने का फैसला तीन और दिनों यानी 1 सितंबर तक के लिए टाल दिया गया। पहले इसे 29 अगस्त तक करना था। हालांकि इससे पहले भी जियो फाइनेंशियल को सेंसेक्स और निफ्टी 50 से 24 अगस्त तक बाहर करना था लेकिन फिर लोअर सर्किट लगने के चलते इसे आगे खिसकाकर 29 अगस्त कर दिया गया था जो अब 1 सितंबर हो गया है। एनएसई की तरफ से अभी ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
यह डेट आगे खिसकने की और कितनी उम्मीद
एसएंडपी डाऊ जोन्स का कहना है कि जियो फाइनेंशियल लगातार दो दिन टूटकर लोअर सर्किट पर आ गए जिसके चलते इसे एसएंडपी बीएसई इंडेक्स से निकालने का फैसला तीन और दिन के लिए टाल दिया गया। अब इसे 1 सितंबर को मार्केट खुलने से पहले हटा दिया जाएगा। हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि दो दिन तक इसे लोअर सर्किट पर नहीं आना चाहिए लेकिन तीसरे दिन भी लोअर सर्किट छू लेता है तो इसे इंडेक्स से निकालने का फैसला आगे के लिए खिसका दिया जाएगा। आज की बात करें तो इसके शेयर ग्रीन जोन में हैं।
देश की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड एनबीएफसी
जियो फाइनेंशियल के शेयरों की घरेलू मार्केट में 21 अगस्त को एंट्री हुई थी। रिलायंस से डीमर्ज यानी अलग होकर जियो फाइनेंशियल लिस्ट हुई है और यह देश की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड एनबीएफसी है। देश की सबसे बड़ी लिस्टेड एनबीएफसी बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) है। एनालिस्ट्स के मुताबिक जियो फाइनेंशियल लोन बांटने, डिजिटल ब्रोकिंग, बीमा, म्यूचुअल फंड और पेमेंट्स सहित कई प्रकार के फाइनेंशियल सर्विसेज के बिजनेस को चुन सकती है। कंपनी ने म्यूचुअल फंड कंपनी शुरू करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े एसेट मैनेजर ब्लैकरॉक के साथ टाई-अप किया है। इस साझेदारी के तहत 30 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश होगा।
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