मार्केट गुरु सीरीज में आज हमारे मेहमान हैं Marcellus Investment Managers के को-फाउंडर सौरभ मुखर्जी। सौरभ मशहूर इनवेस्टमेंट फिलॉसिफी कॉफी कैन इन्वेस्टिंग के मुरीद हैं। वे लगातार शानदार ग्रोथ वाली कंपनियों में लंबे समय का निवेश करते हैं। सौरभ से आज हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि चुनौती भरे माहौल में अच्छी कंपनियों का मैनेजमेंट किस स्ट्रैटेजी पर काम करता है। साथ ही ये भी कि अच्छी कंपनियों की पहचान कैसे की जाए। हम ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि क्या सौरभ मुखर्जी को कुछ नई कंपनियों में भी मौके दिख रहे हैं?
बतातें चलें की सौरभ मुखर्जी ने अपना एक पीएमएस Marcellus' CCP भी शुरू किया है। इसके प्रदर्शन पर नजर डालें तो 31 अगस्त 2022 तक 1 महीनें में Marcellus' CCP ने 4.79 फीसदी रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ने 3.72 फीसदी रिटर्न दिया है। 6 महीनें में Marcellus' CCP ने 5.18 फीसदी रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ने 6.76 फीसदी रिटर्न दिया है। 1 साल में Marcellus' CCP ने 1.54 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ने 5.14 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न दिया है। 3 साल में Marcellus' CCP ने 22.28 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ने 18.63 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न दिया है। अपने शुरुआत से अब तक Marcellus' CCP ने 20.83 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ने 15.41 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
सौरभ मुखर्जी ने अपना मार्केट मंत्र बताते हुए कहा कि बाजार में पैसे बनाने के लिए लंबे नजरिए से निवेश करें। निवेश में 1-1.5 साल की अवधि का को बड़ा मतलब नहीं होता। अच्छे रिटर्न के लिए कम से कम 3 साल के नजरिए से निवेश करें। चाहे किसी का निजी निवेश हो या किसी फंड का प्रदर्शन हो इसमें 3 साल से कम की निवेश अवधि का कोई खास मजलब नहीं होता। अगर वॉरेन बफे का उदाहरण लें तो करीब 50 फीसदी मामलों में उन्होंने 1 महीनें के हॉरीजोन में S&P 500 इंडेक्स की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है। वहीं, अगर 3 साल का टाइम हॉरीजोन लें तो वॉरेन बफे ने 80 फीसदी मामलों में S&P 500 इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि आम निवेशक दबाव की स्थिति में पेनिक हो जाता है। लेकिन दिग्गज कंपनियां मुश्किल के समय में ही बड़े फैसले लेती हैं जो आगे चल कर उनके लिए फायदेमंद होता है। भारत की बात करें लेहमन ब्रदर्स के संटक के बाद भारत में कई कंपनियों ने अपने विस्तार पर बड़े-बड़े निवेश किए। जिसका उनको आगे बड़ा फायदा मिला। इसी तरह डी-मनीटाइजेशन के दौर में भी कई कंपनियों ने इस तरह के बड़े फैसले लिए थे और की बड़े निवेश होते नजर आए थे।
इसी तरह का माहौल एक बार फिर देखने को मिल रहा है जिसमें Pidilite,Dr Lal Path,ICICI Lombard,HDFC Life और Asian Paints जैसी कंपनियां देश की इकोनॉमी में अभी पैसे डाल रही हैं जिनका आगे इन कंपनियों को फायदा मिलेगा और इन कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आएगी। बता दें कि ये सारे शेयर Marcellus' CCP के पोर्टफोलियो में शामिल है।
बताते चलें कि पिडिलाइट ने 2021 में कंपिटीटर HAMS को 2100 करोड़ रुपए में खरीदा। इससे एडहेसिव बाजार में कंपनी की पकड़ मजबूत हुई। फिर इसने 2020 में स्टोन केयर कंपनी Tenax को 80 करोड़ रुपए में खरीदा। कंपनी ने दोनों सौदों की फंडिंग अपने संसाधनों से की।
इसी तरह डॉ लाल पैथ ने अपने कंपिटीटर सबअर्बन को खरीदा। अक्टूबर 2021 में 925 करोड़ रुपए में ये सौदा हुआ था। सबअर्बन के जरिये पश्चिमी भारत में कंपनी का विस्तार हुआ। इसी तरह ICICI लोम्बार्ड ने Bharti Axa को खरीदा और HDFC लाइफ ने एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस को खरीदा। वहीं, एशियन पेंट्स 180 Cr में WhiteTeak में 49 फीसदी हिस्सा खरीदा। WhiteTeak सौदे से होम डिकोर कारोबार में मदद मिली। इसी तरह कंपनी ने 19 करोड़ में में वेदरसील में 51 फीसदी हिस्सा खरीदा है।
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