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इंडिया को स्पीड और स्केल पर फोकस करना होगा, 'चाइना वन पॉलिसी' हमारे लिए बड़ा मौका : L&T चेयरमैन AM Naik

23 अरब डॉलर की देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी के चेयरमैन के रूप में नाइक का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। वह 9 अगस्त को कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) में 25वीं और आखिरी बार शेयरधारकों को संबोधित करेंगे

अपडेटेड Aug 09, 2023 पर 10:27 AM
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नाइक ने कहा कि एलएंडटी मेरी जिंदगी, मेरा घर और मेरा मंदिर है। मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि मैं ऐसा प्लेटफॉर्म पीछे छोड़ कर जा रहा हूं जिसका इस्तेमाल कंपनी आगे बढ़ने के लिए करेगी।
     
     
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    मजबूत बुनियाद पर ही ऊंची इमारत बनाई जा सकती है। आज L&T (Larsen & Toubro) की कामयाबी के पीछे उसकी मजबूत बुनियाद का बड़ा हाथ है। इस बुनियाद को बनाने का श्रेय AM Naik को जाता है। मनीकंट्रोल से बातचीत में नाइक ने एलएंडटी के सफर के साथ ही अपनी जिंदगी के सफर के बारे में कई अहम बातें बताईं। उन्होंने इंडिया में मौजूद मौकों के बारे में बताया। एलएंडटी के फ्यूचर प्लान के बारे में संकेत दिए।

    2019 में बिजनेस में योगदान के लिए पद्मविभूषण

    बिजनेस में उनके योगदान के लिए उन्हें 2019 में देश के सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 23 अरब डॉलर की देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी के चेयरमैन के रूप में नाइक का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। वह 9 अगस्त को कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) में 25वीं और आखिरी बार शेयरधारकों को संबोधित करेंगे।


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    एलएंडटी मेरी जिंदगी, मेरा घर

    नाइक ने कहा कि L&T मेरी जिंदगी, मेरा घर और मेरा मंदिर है। मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि मैं ऐसा प्लेटफॉर्म पीछे छोड़ कर जा रहा हूं जिसका इस्तेमाल कंपनी आगे बढ़ने के लिए करेगी। हमने एलएंडटी का एक झंडा बनाया है, जिसे मैं SN Subrahmanyan को सौंप दूंगा। वह इसे और ऊंचाई पर ले जाएंगे। खुद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने स्थितियों के मुताबिक हर तीन साल में खुद को बदला है। जब मैं एक स्टूडेंट था तो दूसरी तरह की एक्टिविटीज में व्यस्त रहता था। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मैं शायद ही कभी क्लास अटेंड करता था।

    खुद को बदलने की कोशिश

    उन्होंने कहा कि प्रोफेसर मुझ पर तंज कसा करते थे। वे कहते थे कि एक स्टूडेंट ऐसा है जिसने SSC में अच्छे नंबर लाए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह कॉलेज में भी अच्छा करेगा। लेकिन, जिस दिन मैं कॉलेज से निकला, मैंने खुद से कहा कि स्टूडेंट लाइफ अब खत्म हो चुका है और अब मुझे कॉर्पोरेट लाइफ के लिए तैयार होना है। क्लास अटेंड नहीं करने वाले स्टूडेंट से मैं ऐसा व्यक्ति बन गया जिसने 21 साल में कभी छुट्टी नहीं ली। मैं रोजाना 15 घंटे काम करता था। मेरी शादी जल्द हो गई। मेरी बीवी घर पर अकेली रहती थी। कई बार मैं रात 12 बजे की आखिरी ट्रेन मिस कर जाता था। तब मैं ऑफिस में टेबल पर सो जाता था।

    इंडिया ने बीते 50 सालों का इस्तेमाल नहीं किया

    इंडिया के भविष्य और भूत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इंडिया ने बीते 50 सालों का सही इस्तेमाल नहीं किया। हमें चीन की तरह मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिए थी। हमें डिफेंस में आत्मनिर्भर हो जाना चाहिए था। हम अमेरिका, फ्रांस और रूस से इंपोर्ट कर रहे हैं। एक थिंकटैक यह बताएगा कि यह कब रुकेगा। देश में ही चीजों के उत्पादन पर अब जोर दिया जा रहा है, लेकिन इस मामले में काफी कुछ करने की जरूरत है। दुनिया के 70 फीसदी स्मार्टफोन चीन बनाता है। इंडिया ने अभी इसे शुरू किया है। लेकिन, अब भी कंपोनेंट्स के लिए इंडिया चीन पर निर्भर है।

    स्पीड और स्केल के साथ काम करने की जरूरत

    सरकार ने Hindustan Aeronautics में बड़ा निवेश किया। लेकिन, सवाल यह है कि HAL ने पिछले 50 सालों में वह क्यों नहीं कर सका, जिसे चीन ने कम समय में हासिल कर लिाय है। वह कमर्शिल प्लेन सहित कई तरह के विमान बना रहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया को लेकर मैं उत्साहित हूं, क्योंकि चीजें हो रही हैं। लेकिन, मैं एक बेचैन व्यक्ति हूं। मेरा मानना है कि चीजें जल्द होनी चाहिए। हमें स्पीड और स्केल के साथ काम करने की जरूरत है।

    चीन से सीखने की जरूरत

    उन्होंने कहा कि जब निक्सन अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब हेनरी किसिंजर उनके मंत्री थे। किसिंजर ने मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने में चीन की मदद के लिए वहां की 20 से ज्यादा यात्राएं की थी। अमेरिका ने टेक्नोलॉजी और रिसर्च पर अपना फोकस बढ़ाया। वह (अमेरिका) धीरे-धीरे मैन्युफैक्चरिंग से बाहर हो गया। इसके लिए वह चीन पर निर्भर हो गया। चीन ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।

    चाइना प्लस वन इंडिया के लिए बड़ा मौका

    नाइक ने कहा कि चूंकि चीन एक ऑटोक्रैटिक कंट्री है, जिससे वह ऐसे बहुत से काम कर सकता है, जिसे इंडिया में करना मुमकिन नहीं है। उन्होंने इतना मजबूत बेस बनाया है कि आज ऐसी कई चीजें हैं जो सिर्फ वहीं कर सकते हैं। आज दुनिया में माहौल बदला है। तनाव की वजह से हर कोई 'चाइना प्लस वन' की बात कर रहा है। इसका मतलब है कि कंपनियां एक और बेस बनाना चाहती हैं। यह इंडिया के लिए बहुत बड़ा मौका है।

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