LIC का शेयर 800 रुपये से नीचे आ गया है। यह शेयर लिस्टिंग के बाद से गिरता रहा है। सोमवार (6 जून) को यह शेयर पहली बार 800 रुपये से नीचे आ गया। यह एलआईसी के आईपीओ में पैसे लगाने वाले लाखों निवेशकों को निराश करने वाली खबर है। पॉलिसीहोल्डर्स को एलआईसी के नाम पर जबर्दस्त भरोसा था। उन्होंने इस आईपीओ में जमकर पैसे लगाए थे। कंपनी ने पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये का डिस्काउंट भी दिया था। इससे पॉलिसीहोल्डर्स की कैटेगरी सबसे ज्यादा छह गुना सब्सक्राइब हुई थी।
सोमवार को LIC का शेयर मार्केट खुलते ही दबाव में आ गया। दिन में 11:45 बजे NSE में यह शेयर 1.84 फीसदी गिरकर 785.45 रुपये पर चल रहा था। इस वजह से एलआईसी का मार्केट कैपिटलाइजेश गिरकर पहली बार 5 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया। अब इसका मार्केट कैप 4.97 लाख करोड़ रुपये रह गया है। स्टॉक मार्केट में एलआईसी के इस हश्र के बारे में शायद किसी ने नहीं सोचा होगा।
एलआईसी के इनवेस्टर्स को आने वाले दिनों में और झटके लग सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में इस शेयर में और गिरावट दिख सकती है। इसकी वजह यह है कि 16 जून तक एंकर इनवेस्टर्स के लिए 30 दिन का लॉक-इन पीरियड खत्म हो जाएगा। इसका मतलब है कि वे एलआईसी के शेयरों को बेच सकेंगे। अगर वे बड़ी बिकवाली करते हैं तो यह शेयर काफी गिर सकता है।
एनालिस्ट्स का कहना है कि अभी नए इनवेस्टर्स को एलआईसी के शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि अभी इस शेयर को सपोर्ट करने वाला कोई फैक्टर नजर नहीं आ रहा है। जिन निवेशकों को आईपीओ में ये शेयर अलॉट हुए थे, उन्हें इसमें इनवेस्टमेंट बनाए रखने की जरूरत है।
पिछले हफ्ते ब्रोकरेज फर्म Emkay Global ने एक साल में एलआईसी के शेयर के लिए 875 रुपये का टार्गेट प्राइस दिया था। इसका मतलब है कि अगले एक साल तक यह शेयर 949 रुपये के इश्यू प्राइस तक नहीं पहुंच पाएगा। एलआईसी ने आईपीओ में इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 949 रुपये के प्राइस पर शेयर जारी किए थे। पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये और रिटेल इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट मिला था।
LIC का आईपीओ 4 मई को खुला था। यह इश्यू 9 मई को बंद हुआ था। एलआईसी के शेयर 17 मई को बीएसई और एनएसई में लिस्ट हुए थे। शेयरों की लिस्टिंग करीब 8 फीसदी डिस्काउंट पर हुई थी। लिस्टिंग से अब तक यह शेयर 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है।