Stock Market Live Update: एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार की रुपये पर राय
पिछले सप्ताह के खराब प्रदर्शन के बाद इस सप्ताह रुपये में मजबूती देखी गई। दो सबसे बड़ी घोषणाएँ हुईं जिन्होंने रुपये को मज़बूती दी। पहली, कई वर्षों के उच्चतम पीएमआई आँकड़े और दूसरी, जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाना। दोनों ही बातें रुपये के लिए सकारात्मक रही हैं। हालांकि सबसे बड़ी चिंताओं में से एक विदेशी पूंजी निकासी के कारण मांग-आपूर्ति का असंतुलन है। अगर एफआईआई की खरीदारी जारी रहती है, तो आने वाले दिनों में रुपये को सहारा मिल सकता है।
वैश्विक स्तर पर निराशाजनक आर्थिक आँकड़ों के बीच डॉलर सूचकांक दबाव में रहा, जिससे FOMC आगामी बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति की हालिया टिप्पणी के बाद फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर भी सवालिया निशान लग गया है। कुल मिलाकर डॉलर दबाव में रहा, जिससे रुपये को सहारा मिला। साथ ही हम देख रहे हैं कि कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट शुरू हो गई है। कुल मिलाकर पिछले कुछ दिनों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए रुपये को समर्थन देने वाली अधिकांश सकारात्मक बातें रही हैं।
सुरक्षित निवेश की मांग कीमती धातुओं की ओर स्थानांतरित हो गई है, जबकि यूरो डॉलर के मुकाबले लंबी अवधि के लिए पसंदीदा मुद्रा बना हुआ है। आगे बढ़ते हुए डॉलर सूचकांक में कमजोरी निकट भविष्य में रुपये को सहारा दे सकती है। हमारा मानना है कि आने वाले दिनों में हाजिर USDINR 87.65 से 88.40 के बीच स्थिर रहने की उम्मीद है।